Dhanbad: सिंफर सभागार में आयोजित बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय [BBMKU] के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए 12 अगस्त को टुंडी के विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि बिनोद बिहारी महतो की सोच ‘विद्या धनं सर्व धनं प्रधानम’ थी. जिसका अनुसरण करते हुए उन्होंने राज्य में कई स्कूल और कॉलेजों की स्थापना की. उन्होंने कहा कि वह झारखंड में भी एक संस्कृत यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष प्रस्ताव रखेंगे.
शिक्षक 8 घंटे अध्ययन-अध्यापन का करें कार्य : शुकदेव भोई
अध्यक्षीय भाषण देते हुए कुलपति डॉ शुकदेव भाई ने कहा कि जब प्रधानमंत्री 24 घंटे देश की सेवा में संलग्न रह सकते हैं, तो शिक्षकों को भी 8 घंटे विश्वविद्यालय में अध्ययन एवं अध्यापन कार्य में संलग्न रहना चाहिए. उन्होंने विश्वविद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिए सकारात्मक कदम उठाने का प्रण लिया.
संस्कृत साहित्य में भारतीय ज्ञान परंपरा को स्थान : डॉ त्रिपाठी
संस्कृत साहित्य में भारतीय ज्ञान परंपरा को प्रमुखता से स्थान मिला है. ज्ञान ही समस्त भौतिक बंधनों से मुक्ति दिलाता है. भारतीय मीमांसा क्षणभंगुर नहीं है, यह सारस्वत तत्व की अन्वेषिका है. भारतीय संस्कृति के मूल संस्कार युक्त शिक्षा प्रणाली से शिक्षित होकर विद्यार्थी अपने ज्ञान ज्योति से विश्व को प्रकाशित करता है.
गुरुकुल पद्धति को आगे लाना होगा : डॉ अकबर मसूद
बीजीएसबीयू के कुलपति अकबर मसूद ने कहा कि गुरुकुल पद्धति की वजह से ही पहले भारत सोने की चिड़िया या विश्व गुरु था. हमें भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए गुरुकुल पद्धति को आगे लाना होगा. नई शिक्षा नीति इस दिशा में सकारात्मक पहल है. हमें विद्वान होने से पहले एक अच्छा नागरिक होना भी जरूरी है. बीबीएमकेयू के कुलपति ने संस्कृत पर आधारित सेमिनार का आयोजन पर अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है.
हमें ग्लोबल सिटीजन बनाना होगा : एसएस खानका
टेक्निकल सत्र को संबोधित करते हुए प्रोफेसर एसएस खानका ने कहा कि हमें वैसा नागरिक उत्पन्न करना होगा, जो ग्लोबल सिटीजन हो, लेकिन वह हृदय से पूरी तरह भारतीय संस्कृति से जुड़ा हो. इंसान नैतिकतावादी से आगे मंगलकारी, कानून का पालन करने से आगे परोपकारयुक्त और सनातन संस्कृति से जुड़ा हुआ होना चाहिए.
भारतीय संस्कृति का टाइम कैलकुलेशन अद्भुत : ओमप्रकाश
नासा के वैज्ञानिक प्रोफेसर ओमप्रकाश पांडे ने टेक्निकल सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में टाइम कैलकुलेशन अद्भुत है. उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में हम काफी आगे थे. हम संस्कृत नहीं पढने के कारण वेदों का अध्ययन नहीं कर पाए और विरासत को नहीं समझ पाए. उन्होंने नई शिक्षा नीति को दोषपूर्ण बताते हुए आज की शिक्षा पद्धति को भ्रष्ट बताया.
कर्तव्यों का निर्वहन करना हमारा परम कर्तव्य : पंडा
कोल्हान यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. गंगाधर पंडा ने कहा कि भारतीय संस्कृति के अनुसार मानव का संपूर्ण जीवन चार आयामों में विभक्त है. सभी आयाम के कर्तव्यों का निर्वहन करना हमारा परम कर्तव्य है. जय प्रकाश यूनिवर्सिटी के निवर्तमान कुलपति हरिकेश सिंह ने कहा कि झारखंड शांतिप्रिय प्रदेश है. भारतीय संस्कृति हमारे वेदों में निहित है. सत्य की रक्षा करना हमारा पहला कर्तव्य है. संस्कृत के संस्थान स्थापित करना और लोगों के मध्य संस्कृत का संप्रेषण होना अनिवार्य है.
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