Faisal Anurag
पांच दिनों से चल रहे अबतक के मैचों में क्रिस्टियनो रोनाल्डो ने पहले ही मैच में सबसे ज्यादा यूरो गोल करने का रिकॉर्ड बनाया. वे ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने न केवल हर दिन नये रिकॉर्ड बना रहे हैं बल्कि अपनी चमक से पुर्तगाल के यूरो खिताब के बचाव की दावेदारी को ग्रुप आफ डेथ में होने के बावजूद मजबूत किया है. विश्व कप विजेता फ्रांस अपना पहला मैच जीत तो गया, लेकिन वह एक चैपियन की तरह दावेदारी पेश नहीं कर पाया. फ्रांस और जर्मनी जब कभी एक दूसरे के खिलाफ खेलते हैं, वह यूरोप के सबसे क्लासिक टकराव के रूप में देखा जाता है. इसका एक बड़ा कारण दोनों देशों के ऐतिहासिक संदर्भ भी रहे हैं. जर्मनी अपने अनुभवी हेल्मस की एक गलती के कारण हार गया. हेल्मस के आत्मघाती गोल उनकी हार का कारण बना. पुर्तगाल, फ्रांस और जर्मनी हंगरी के साथ एक ही ग्रुप में होने के कारण इसे बेहद कठिन माना जा रहा है.
रोनाल्डो अब न केवल सबसे ज्यादा यूरो खेलने वाले खिलाड़ी बन गए हैं, बल्कि वे सबसे ज्यादा गोल करने के प्लैतिनी के रिकॉर्ड को तोड़ चुके हैं. प्लातिनी फ्रांस के जादूगर खिलाड़ी रहे हैं, जिजो यूरोप के पेले माने गाए. रोनाल्डो दुनिया के सर्वकालिक बड़े खिलाड़ियोे में शुमार किए जाते हैं. 2004 से वे अब तक पांच यूरो में भाग लेने वाले पहले खिलाड़ी है. विश्वकप और यूरो में रोनाल्डो की चमक, गति, स्किल और शैली पिछले दो दशकों से दुनिया देख रही है. 2016 में पुर्तगाल को पहला यूरो कप दिलाने का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है. उनके नेतृत्व में पुर्तगाल दुनिया भर में किसी के लिए भी बड़ी चुनौती बन कर उभरा है. इस बार के यूरो में भी पुर्तगाल के आगे की राह रोनाल्डो के प्रदर्शन पर ही निर्भर है. रोनाल्डो पुर्तगाल की सबसे बडी ताकत हैं और टीम उन पर पूरी तरह निर्भर है. इस समय यूरो में भाग ले रहे किसी अन्य टीम के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता. हर टीम में दो तीन खिलाड़ी ऐसे हैं जिनसे टीमों की ताकत मजबूत होती है.
देखें वीडियो-
जर्मनी दुनिया की इकलौती टीम मानी जा सकती है जो किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं रहती है. जर्मनी के बारे में माना जाता है कि टीम बेहतरीन तालमेल से ऐसे हालात बना देती है, जिससे विपक्ष का तमाम व्यूह बिखर जाता है. एक समय था जब उसके पास मूलर जैसे खिलाड़ी होते थे. लेकिन मूलर की ही प्रतिभा के अन्य खिलाड़ी भी टीम में रहते थे. जर्मनी की सबसे बड़ी क्षमता उसकी गति और लगातार हमलावर रहने की मानी जाती है. फ्रांस के साथ हुए मैच में भी देखा गया कि दोनों ने अपनी शैली में बेहतरीन खेल दिखाया, लेकिन जर्मनी पूरे मैच में हावी रहा. फ्रांस के नये चमत्कार माने जा रहे एम्बापे के दो प्रयास ऑफसाइड साबित किए गए. एम्बापे का पहला प्रयास जब वे जश्न मनाने लगे ऑफसाइड घोषित किया गया. उनके ही एक बेहरीन पास पर जब बेंजमा ने गोल किया रेफरी ने गोल तो दे दिया, लेकिन जर्मनी के विरोध के बाद उसकी वीडियो समीक्षा की गयी ओर एम्बापे को एक बार फिर ऑफसाइड देखा गया. लेकिन फ्रांस ने यह जरूर दिखा गया कि उस की दावेदारी का शोर बेमानी नहीं है.
स्वीडन के खिलाफ बेहतरीन पासिंग और पूरे मैच पर नियंत्रण के बावजूद स्पेन ड्रॉ खेलने को मजबूर हुआ. उस के गोल करने में 10 प्रयास सटीक निशाने के बावजूद कामयाबी नहीं दिला सके. स्पेन यूरोप में विशिष्ट शैली के लिए मशहूर है. स्पेन की टीम में ज्यादातर नये खिलाड़ी हैं. इसके बावजूद स्पेन ने दिखाया कि उसकी शुमारी दावेदारों में क्यों की जा रही है. स्पेन के ग्रुप में स्वीडन के अलावा स्लोवाकिया और पोलैंड हैं. स्लोवाकिया ने पहले मैच में पोलैंड को 2-1 से पराजित किया. चेक रिपब्लिक, नीदरलैंड और इंग्लैंड ने भी जिस अंदाज में पहले मेच में प्रदर्शन किया है, उससे यूरो कप बेहद ओपन दिख रहा है. रोनाल्डो को यदि छोड़ दिया जाए तो अभी तक बेल्जियम के लुकाकु और फ्रांस के पोग्बा और एम्पाबे की चमक देखने को मिली है.
वैसे सभी 24 टीमों के पहले मेच को ही देख कर अनुमान तो नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन जर्मनी, फ्रांस और पुर्तगाल को अपने ग्रुप के हर मैच में कठिन परीक्षा से गुजरना होगा. ग्रुप मैच से आगे के सफर के लिए अगले राउंड के मेच बेहद अहम माने जा रहे हैं. रोनाल्डो ने अंतिम दस मिनटों में दो गोल किए. पहला गोल पेनाल्टी से ओर दूसरा शानदार फील्ड गोल. इस समय रोनाल्डो दुनिया में सबसे ज्यादा इंटरनेशनल गोल करने वालों में दूसरे नंबर हैं. पहले स्थान पर ईरान के अली डेई हैं, जिनके नाम 109 गोल हैं. रोनाल्डो ने अब तक 106 गोल किए हैं. पिछले 45 इंटरलेशनल मैचों में रोनाल्डो ने 46 गोल किए हैं. यह रिकॉर्ड तो पेले और माराडोना के नाम भी नहीं है. पेले ने 92 इंटरनेशनल मैच में 77 गोल किए थे. रोनाल्डो के 106 गोल 177 मैच में आए हैं.