NewDelhi : आज शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई. लोकसभा में विपक्षी दलों के हंगामे के बीच नये सांसदों ने शपथ ली. कांग्रेस, DMK और नेशनल कांफ्रेंस के वाकआउट के बाद लोकसभा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. उधर राज्यसभा में सभापति के निर्देश पर सत्ता पक्ष ने दस्तावेज पेश किये. राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने 12 विपक्षी सदस्यों के निलंबन का मसला उठाया.
कहा कि यह प्रस्ताव संसदीय नियमों का उल्लंघन है. उन्होंने कार्यवाही के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि जब नेता विपक्ष पॉइंट ऑफ ऑर्डर उठाना चाहते थे तो उन्हें अनुमति नहीं दी गयी. यह संसदीय परंपरा का उल्लंघन है. लेकिन राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने का अनुरोध खारिज कर दिया. राज्यसभा में सभापति के सख्त रुख के बाद विपक्ष और आक्रामक हो गया, विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी. इस पर श्री नायडू ने हंगामा कर रहे सांसदों पर ऐक्शन की चेतावनी दी. बाद में विपक्षी पार्टियाें ने राज्यसभा का बायकॉट किया.
#WATCH Opposition leaders protest at Mahatma Gandhi statue in Parliament premises demanding revocation of suspension of 12 Opposition MPs of Rajya Sabha pic.twitter.com/iuqVtc5q5R
— ANI (@ANI) November 30, 2021
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नायडू ने कहा, मुझे ही पाठ पढ़ाते हो
एम वेंकैया नायडू ने कहा, मॉनसून सत्र के दौरान 10 अगस्त को इन सदस्यों ने सदन की मर्यादा भंग की. सभापति ने कहा, आपने सदन को गुमराह करने की कोशिश की, आपने अफरा-तफरी मचाई, आपने सदन में हो-हंगामा किया, आसन पर कागज फेंका, कुछ तो टेबल पर चढ़ गये और मुझे ही पाठ पढ़ा रहे हैं? यह सही तरीका नहीं है/ प्रस्ताव पास हो गया है, कार्रवाई हो चुकी है और यह अंतिम फैसला है. उन्होंने कहा कि सांसद अपने अर्मयादित व्यवहार पर पश्चाताप करने के बजाय वो इसे उचित ठहरा रहे हैं, इसलिए मुझे नहीं लगता कि विपक्ष की मांग पर विचार किया जाना चाहिए/ सभापति ने कहा कि सांसदों का निलंबन वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता.
राहुल गांधी ने बैठक बुलाई, 16 पार्टियों के नेता हुए शामिल
बता दें कि कांग्रेस द्वारा लगातार विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश हो रही है. सांसदों के निलंबन पर आज विपक्षी दलों ने बैठक की, जिसकी अध्यक्षता राहुल गांधी ने की. कल हुई बैठक में सिर्फ 11 पार्टियों ने हिस्सा लिया था, लेकिन आज 16 पार्टियां इसमें शामिल हुईं. बैठक में कांग्रेस के अलावा डीएमके, शिवसेना, एनसीपी, सीपीएम, सीपीआई, आरजेडी, आईयूएमएल, एमडीएमके, एलजेडी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आरएसपी, टीआरएस, केरल कांग्रेस, वीसीके और आम आदमी पार्टी के नेता शामिल हुए कहा गया कि अगर निलंबन वापस नहीं लिया जाता है तो विपक्षी पार्टियां राज्यसभा का बायकॉट करेंगी.
सिंघवी ने कहा, यह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कदम
सांसदों के निलंबन पर विपक्ष ने एक संयुक्त बयान जारी किया. इसमें कहा गया है कि ये निलंबन राज्यसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों का उल्लंघन करता है. कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राज्यसभा से 12 सांसदों को निलंबित करने से भाजपा बहुमत में आ गयी है. इससे वो राज्यसभा में आसानी से बिल पास करवा सकती है. कहा कि संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कदम है.
आज कई बिल पेश होंगे
लोकसभा में आज हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जज (वेतन और सेवाओं की शर्तें) संशोधन विधेयक 2012 पेश होगा. इसके अलावा सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन विधेयक) भी सदन के पटल पर रखा जायेगा. उधर, राज्यसभा में बांध सुरक्षा बिल पेश होगा.
पहले दिन क्या हुआ ?
जान लें कि कल शीतकालीन सत्र पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में सिर्फ कृषि कानूनों की वापसी का बिल पास हो पाया. विपक्ष कानून वापसी के बिल पर चर्चा की मांग पर अड़ा था, लेकिन सरकार चर्चा करने को तैयार नहीं हुई. हंगामे के चलते दो बार दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ गयी. बता दें कि शाम में राज्यसभा से 12 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. सांसदों को मॉनसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को राज्यसभा में हंगामा करने पर निलंबित किया गया है.