Dhanbad: झारखंड में सिर्फ खनिज ही नहीं, बल्कि खिलाड़ी भी पाये जाते हैं. वो खिलाड़ी जो अपने दम पर विभिन्न खेलों में राज्य और देश की पहचान बनाते हैं. इसके लिए वे कड़ी मेहनत करते हैं. तब जाकर वे सफलता के मुकाम तक पहुंचते हैं. देखा जाय तो राज्य में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी नही है. कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, जो मेहनत कर राज्य के साथ-साथ देश का भी नाम रोशन करने में लगे हैं. लेकिन सरकार के रवैये से दुखी हैं.
खिलाड़ियों का कहना है कि अनदेखी के कारण उनका मनोबल टूटता जा रहा. कोरोना काल में जब उन्हें सबसे अधिक मदद की जरूरत थी तो ध्यान नहीं दिया गया. इससे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आज खेत और ईंट भट्ठे में काम करने को विवश हैं. वे मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं.
सुने सरकार
इन महिला फुटबॉल खिलाड़ियों का कहना है कि देश के लिए खलने के बाद भी वे पहचान के मोहताज हैं. मीडिया में जब खिलाड़ियों का दर्द सामने आता है तब सरकार और प्रशासन की नींद खुलती है. कुछ वादे किये जाते हैं और फिर कुछ नहीं होता है. इसलिए सरकार से गुजारिश है कि इस पर ध्यान दे ताकि हम पूरी तरह अपने खेल पर ध्यान दे सकें. ये सभी धनबाद के तोपचाची प्रखंड अंतर्गत पड़ने वाले बिशनपुर पंचायत स्थित लक्ष्मीपुर गांव की महिला खिलाड़ी हैं. इनमें से कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की टूर्नामेंट खेल चुकी हैं. इन्हें सरकार से मदद की दरकार है.
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