Ranchi : राजधानी के पुरुलिया रोड स्थित SDC सभागार में ‘‘पंचायत चुनाव 2022 : उभरता महिला नेतृत्व’ विषय पर राज्यस्तरीय महिला सम्मेलन हुआ. सम्मेलन में झारखंड के 16 जिलों की लगभग 120 महिलाएं शामिल हुईं. इनमें हाल में संपन्न झारखंड पंचायत चुनाव में विभिन्न स्तर पर निर्वाचित प्रतिनिधियों की संख्या अधिक थी. सम्मेलन में मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद महुआ माजी समेत अन्य संगठनों की महिलायें मौजूद थीं. सम्मेलन की शुरुआत दीप प्रज्वलित तथा कोर्दुला कुजूर के गीत से हुई.
महिलाओं को आगे लाने के लिए कई सकारात्मक पहल
सम्मेलन में श्रावणी ने कहा कि झारखंड बनने के बाद महिलाओं को आगे लाने के लिए कई सकारात्मक पहल हुए हैं. उनमें से एक है पंचायत की त्रिस्तरीय व्यवस्था में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण. आरक्षण ने महिलाओं को घर से बाहर निकलकर अपनी प्रतिभा एवं क्षमता को निखारने का एक अवसर दिया है. महिलाओं की इतनी बड़ी संख्या में चुनाव जीतकर आना एक सकारात्मक संदेश है.
महिलाएं सभी क्षेत्रों में सक्रिय भागीदारी करा रही है दर्ज : डॉ किरण
वरिष्ठ समाजकर्मी डॉ किरण ने कहा कि ग्राम शासन अर्थात गांव की सरकार में महिलाओं की इतनी बड़ी तादाद में शामिल होना यह दर्शाता है कि अब महिलाएं सभी क्षेत्रों में बढ़-चढ़कर अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज करा रही हैं. आज उचित अवसर है कि विधानसभा और लोकसभा में भी महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कराने हेतु वर्षों से पेंडिंग पड़े महिला आरक्षण बिल को पास कराने का मुहिम छेड़ा जाये.
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अधिकार भीख में नहीं मिलती : महुआ माजी
राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि अधिकार भीख में नहीं मिलती. हक पाने के लिए लड़ना पड़ता है. सरकारी योजनाओं के प्रति महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत है. महिलाएं सखी मंडल से जुड़ें और योजनाओं का लाभ उठाएं. डायन हत्या अभी भी झारखंड में जारी है, इसे खत्म करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने की जरूरत है. क्योंकि बरसात के महीना में संक्रमण बहुत ही तेजी से फैलता है और मौतें होती है, जिसका खमियाजा लाचार महिलाओं को उठाना पड़ता है.
महिलाओं के ऊपर होती है बड़ी जिम्मेवारी
रोजालिया तिर्की ने कहा कि पंचायत चुनाव जीतने के बाद महिलाओं के ऊपर बड़ी जिम्मेवारी आई है. महिलाओं को शिक्षित, स्वस्थ एवं जागरूक रहने की जरूरत है. कानूनी जानकारी देते हुए रेशमा ने कहा कि महिलाओं के साथ चार तरह की शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और यौनिक हिंसा होती है. शोषित महिलाएं जब केस करती है और बाद में सुलह कर लेती है तो वह केस झूठा साबित हो जाता है. इसलिए केस को अंत तक लड़ना चाहिए. कुमुद ने कहा कि जिस तरह पंचायत चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण संघर्ष के बाद मिला है, वैसी ही सफलता राजनीति के क्षेत्र में भी 50 प्रतिशत पाना चाहती है. महिला अपना आत्मविश्वाश बढ़ाएं और एक दूसरे को आगे बढ़ने में सहयोग करें. पंचायत चुनाव में जीतकर आये हुए जनप्रतिनिधियों ने कहा कि ग्राम सभा को मजबूत कर योजना का लाभ उठाकर गांव के विकास को आगे बढ़ाएंगे.
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