Ranchi : विश्व एड्स दिवस से पूर्व झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति तथा राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), रांची विश्वविद्यालय इकाई के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को जागरूकता रैली रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार से मोराहाबादी मैदान तक निकाली गई. इस वर्ष विश्व एड्स दिवस का थीम (End inequalities, End Aids, End pandemic) रखा गया है. रैली के माध्यम से कोरोना के संक्रमण काल में बिना भेदभाव के किस प्रकार से झारखंड में एड्स को खत्म करना है, इस पर छात्रों के बीच चर्चा की गई.
इन्होंने दिखायी रैली को हरी झंडी
जागरूकता रैली को झारखंड एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक डॉ भुवनेश प्रताप सिंह, रांची विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो डॉ कामनी कुमार एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य कार्यक्रम समन्वय पदाधिकारी प्रो डॉ ब्रजेश कुमार ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रैली को रवाना किया. रैली रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार से मोराहाबादी मैदान होते हुए पुनः आर्यभट्ट सभागार तक पहुंची.
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युवाओं को जागरूक कर ही रोका जा सकता है एड्स
छात्रों को संबोधित करते हुए समिति के परियोजना निदेशक डॉ भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि युवाओं को जागरूक कर हम झारखंड राज्य से एड्स के संक्रमण के फैलाव को रोक सकते हैं. युवाओं के बीच महत्वपूर्ण रूप से समय-समय पर एड्स की रोकथाम हेतु रेड रिबन क्लबों के माध्यम से सेमिनार का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जा सकता है. इसके साथ ही रेड रिबन क्लबों के माध्यम से राज्य में रक्त की कमी को दूर करने हेतु रक्तदान शिविरों के आयोजन में युवाओं की सहभागिता महत्वपूर्ण है. अतः सभी युवा जागरुक होकर स्वैच्छिक रूप से रक्तदान करें तथा अपने आसपास के लोगों को भी रक्तदान करने के लिए जागरूक करें. एड्स की रोकथाम के लिए युवाओं को असुरक्षित यौन संबंध तथा सुई के माध्यम से एचआईवी के संक्रमण के प्रति जागरूक करना होगा, ताकि युवा जागरुक होकर समाज के सभी लोगों को एड्स के रोकथाम हेतु जागरूक कर सकें.
अभिभावकों को भी करना पड़ेगा जागरूक, तभी रुकेगा एड्स
रांची विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डॉ कामिनी कुमार ने कहा कि एड्स की रोकथाम में युवाओं का महत्वपूर्ण भूमिका है. युवाओं को इसकी रोकथाम हेतु जागरूक करने के साथ-साथ अभिभावकों को भी जागरूक किया जाना चाहिए. समय-समय पर विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में छात्रों के बीच एड्स के संक्रमण विषय पर सेमिनार एवं चर्चा करानी चाहिए. राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को इसमें अहम भूमिका निभाते हुए एड्स की रोकथाम हेतु आम लोगों के साथ-साथ ग्रामीण लोगों को भी जागरूक करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना होगा, तभी हम एड्स के संक्रमण को पूरी तरह से खत्म कर सकते हैं.
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रेड रिबन क्लब कैंप के माध्यम से कर रहा है जागरूक
राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा कि राज्य स्तर पर रेड रिबन क्लब के माध्यम से स्वयंसेवकों को एड्स तथा एचआईवी से बचाव हेतु चिन्हित जगहों पर कैंप लगाकर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है. आने वाले दिनों में विस्तृत रूप से इस पर एनएसएस के कार्यकर्ता तथा स्वयंसेवक कार्य करेंगे।
इनकी रही मौजूदगी
कार्यक्रम के दौरान राम लखन यादव कॉलेज के प्राचार्य, समिति के उप निदेशक आईईसी सत्य प्रकाश प्रसाद, ट्राई स्वयंसेवी संस्थान के सचिव उत्पल दत्त समेत सभी कॉलेजों के एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक, विभिन्न कॉलेज के छात्र एवं बड़ी संख्या में एनएसएस के कार्यकर्ता एवं स्वयंसेवक उपस्थित थे.
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