Chandil : नीमडीह थाना क्षेत्र के दुमदुमी गांव के नदी किनारे एक झाड़ी से गांव की ही एक महिला यमुना महतो ने एक दिन के नवजात शिशु के रोने की आवाज सूनी. जिसके बाद उसने नवजात शिशु को झाड़ियों से निकालकर सुरक्षित अपने घर ले आयी. यह घटना रविवार की है. जिसके बाद सोमवार को महिला अपने पति के साथ नवजात शिशु को लेकर नीमडीह थाना पहुंची और प्रशासन से बच्चे को अपने पास रखने की गुहार लगाई. नीमडीह की जिला परिषद सदस्य अनिता पारित और चाइल्डलाइन के पदाधिकारी भी थाना पहुंचे और नवजात शिशु को अपने कब्जे में लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नीमडीह में भर्ती कराया. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद नवजात शिशु को बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर के एमजीएम ले जाया गया. नवजात शिशु के साथ दुमदुमी गांव की महिला यमुना महतो भी गई.
यमुना बच्चे को भगवान का वरदान समझ अपने पास रखना चाहती है, फिलहाल इलाज के लिए एमजीएम भेजा गया
जिला परिषद सदस्य अनिता पारित ने कहा कि दुमदमी गांव के नदी किनारे की झाड़ी से एक दिन के नवजात शिशु की रोने की आवाज सुनकर यमुना महतो उसे झाड़ी से बाहर निकालकर अपने घर लेकर आयी. जिसके बाद धाई मां को बुलाकर वह नवजात शिशु की देखभाल करने लगी. यमुना महतो का ससुराल नीमडीह के गुंडा गांव में है और मायके दुमदुमी गांव में है. शादी के दस साल बाद भी यमुना को कोई संतान प्राप्ति नहीं हुई है. यमुना का पति बाहर काम करता है. बच्चा मिलने के बाद पति को भी वह वापस घर बुला ली. यमुना महतो की अपनी कोई संतान नहीं होने के कारण इस बच्चे को भगवान का वरदान समझकर वह अपने पास रखना चाहती है. यमुना महतो ने थाना प्रभारी, जिला परिषद सदस्य व चाइल्डलाइन के अधिकारियों के समक्ष बच्चे को अपने पास रखने की गुहार लगाई. जिला परिषद सदस्य अनिता पारित ने कहा कि चाइल्ड लाइन बात कर कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद यमुना महतो को इस बच्चे को देने की पहल की जाएगी.