- बुधवार से झारखंड के कई जिलों में दिख सकता है चक्रवाती तूफान यास का असर
- यास का असर 26-27 मई को ज्यादा पड़ेगा, जबकि 28 को इसके धीमा पड़ने की उम्मीद है
Ranchi : चक्रवातीय तूफान ‘यास’ का झारखंड के कई हिस्सों में शुरुआती असर दिखना शुरू हो गया है. बादल छाने के साथ ही कई इलाकों में बूंदाबादी भी शुरू हो गई. वहीं 26 मई को ‘यास’ तूफान की वजह से जमशेदपुर, चाईबासा, सिमडेगा और गुमला जिले में 40 से 60 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलने और कुछ स्थानों पर भारी बारिश की आशंका जताई गई है. चक्रवातीय तूफान “यास” के झारखंड में पड़ने वाले असर और उससे बचाव को लेकर की गई तैयारियों भी लगभग पूरी कर ली गई है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार देर शाम आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में तूफान की स्थिति पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया. आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ अमिताभ कौशल ने सीएम को बताया है कि चक्रवातीय तूफान यास का असर 26-27 मई को ज्यादा पड़ेगा, जबकि 28 को इसके धीमा होने की उम्मीद है. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, स्वास्थ्य विभाग के विकास आय़ुक्त सह अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अमिताभ कौशल और सचिव अबुबकर सिद्दीकी मौजूद थे.
बुधवार से चक्रवातीय तूफान का दिख सकता है असर
विभागीय सचिव ने कहा है कि मौसम विभाग ने जो पूर्वानुमान जारी किया है, उसके मुताबिक चक्रवातीय तूफान यास बुधवार ओड़िसा के तटीय इलाके से टकराएगा. इसका असर झारखंड में भी देखने को मिल सकता है. तूफान से पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, गुमला, खूंटी और सिमडेगा के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है. इन इलाकों में 90 किलोमीटर अथवा उससे ज्यादा रफ्तार से हवा चलने और कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका है. यहां चक्रवातीय तूफान यास का असर 26-27 मई को ज्यादा पड़ेगा, जबकि 28 को इसके धीमा होने की उम्मीद है.
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चक्रवातीय तूफान से बचाव और राहत को लेकर तैयारियां पूरी
उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री के दिए गए निर्देशों के तहत चक्रवातीय तूफान से बचाव और राहत को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने तैयारियां पूर कर ली है. इसके तहत अस्पतालों में बिजली और ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित नहीं हो, इसके लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है. वहीं, पेड़, खंभे और पोल आदि के गिरने से सड़कों पर आवागमन बाधित नहीं हो, इस बाबत सभी जिलों के डीसी को गिरने वाले पेड़ों को हटाने के लिए पूरी व्यवस्था करने को कहा गया है. भारी बारिश के कारण कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की काफी आशंका है, ऐसे में लोगों को रखने के लिए शिविर की व्यवस्था की गई है. भारी बारिश से स्वर्णरेखा नदी के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो सकती है. ऐसे में अधिकारियों को इन इलाकों की लगातार निगरानी करने को कहा गया है. वहीं तेज, हवा और बारिश से बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है. इस बाबत ऊर्जा विभाग को भी अलर्ट कर दिया गया है. इसके अलावा चक्रवातीय तूफान से होने वाले नुकसान और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए अन्य सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं.