- स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, अवैध बालू उत्खनन के कारण पहले भी यहां दो पुल गिर चुके हैं
Ranchi : कांची नदी पर बना नवनिर्मित हाराडीह-बुढ़ाडीह पुल ढहने के बाद अब सियासत गरमा गयी है. सत्तारूढ़ जेएमएम नेता इसे पूर्ववर्ती रघुवर दास में हुए भ्रष्टाचार बता रहे हैं और घटिया निर्माण और सरकारी धन की लूट के कारण पुल गिराने का एक बड़ा कारण बता रहे हैं. जेएमएम नेताओं का कहना है कि पुल ढहने की असली वजह घटिया निर्माण है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पुल ढहने की वजह की जांच का निर्देश के बाद ग्रामीण विकास मंत्री ने उच्चस्तरीय कमिटी का भी गठन कर दिया है.
जेएमएम नेताओं का कहना है कि जैसे ही चक्रवातीय तूफान ‘यास’ ने अपना भयंकर रूप दिखाया, तो यह पुल ढह गया. लेकिन अब पुल ढहने की असली वजह कुछ और ही सामने आ रही है. दरअसल स्थानीय ग्रामीणों की मानें, तो कांची नदी पर बने हाराडीह-बुढ़ाडीह पुल ढहने की असली वजह स्थानीय माफियाओं द्वारा लगातार किये जा रहे बालू उत्खनन का काम है. हालांकि बालू उत्खनन का काम केवल इसी सरकार में नहीं हुआ है. पिछले कई वर्षों से कांची नदी में बालू का अवैध काम जारी है. अवैध बालू खनन के कारण पहले भी कई पुल में भी दिख चुका है.
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गांव वालों ने कहा- बालू उत्खनन के कारण पुल कमजोर हो गया
पुल ढहने के बारे में स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कांची नदी में लगातार बालू का अवैध उत्खनन किया जा रहा था, जिसके कारण पुल कमजोर हो गया. समय रहते अगर प्रशासनिक कार्रवाई होती है, तो यह पुल बच सकता था. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कांची नदी पर बने सोनाहातू का हारीन पुल और तमाड़ का बालमडीह पुल पहले ही ध्वस्त हो चुके हैं और अब हाराडीह पुल भी ध्वस्त हो गया.
बालू उठाव पर पांच महीने पहले ही प्रशासन को मिली थी शिकायत, पर हुई अनदेखी
अवैध बालू उत्खनन को लेकर समाजसेवी ‘ललित कुमार महतो’ ने भी एक वीडियो जारी किया है. उन्होंने कहा है कि पिछले पांच महीनों से उन्होंने अवैध बालू निकासी को लेकर जिला प्रशासन को शिकायत की थी, लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. ऐसे में यहां पर प्रशासनिक लापरवाही पूरी तरह से दिखती है. उन्होंने कहा है कि इस संदर्भ में शुक्रवार को उन्होंने एसडीओ बुंडू को एक आवेदन भी दिया है.
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पुल धराशाई होना सरकारी राशि का दुरूपयोग : विकास मुंडा
तमाड़ विधायक विकास मुंडा ने कहा है कि 13 करोड़ लागत से बनी पुल धराशाई होना सरकारी राशि का दुरूपयोग है. 10 किलोमीटर के रेडियस बने दो पुल पहले ही टूट चुके हैं. अब यह तीसरा पुल भी गिरा है. मामला जांच के दायरे में आता है.
कम समय मे ही विभिन्न नदियों पर बने पुल का ध्वस्त हो जाना राज्य सरकार की लापरवाही
भाजपा के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि कम समय मे ही प्रदेश में विभिन्न नदियों पर बने पुल पुलियों का ध्वस्त हो जाना राज्य सरकार की लापरवाही को उजागर करता है. नए पुल-पुलियों का ध्वस्त हो जाना राज्य में बड़े पैमाने पर हो रहे बालू के अवैध उत्खनन का दुष्परिणाम है.
आने वाले दिनों में और पुल-पुलियों के भी ध्वस्त होने से इनकार नहीं किया जा सकता
डॉ वर्मा ने कहा कि जबसे प्रदेश में हेमंत सरकार बनी है, बालू माफियाओं का मनोबल सिर चढ़ कर बोल रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार इस अवैध उत्खनन को रोकने की मांग सरकार से करती रही है. परंतु सरकार की मिलीभगत से यह कार्य लगातार जारी है. उन्होंने कहा कि बालू माफिया नदियों में पुल-पुलियों के पिलर के पास जमा बालू भी निकाल लेते हैं. बड़े पैमाने पर इसके लिये जेसीबी मशीन भी लगाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी नदियों में ऐसा ही हो रहा. इसके कारण आनेवाले दिनों में और पुल-पुलियों के भी ध्वस्त होने से इनकार नही किया जा सकता.