Girish Malviya
“कांवड़ यात्रा को लेकर जो लोग हरिद्वार आना चाहते हैं, उनके लिए संदेश है कि इस बार कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित है. इसके बावजूद भी अगर हरिद्वार कोई कांवड़िया आता है, तो उसके खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जाएगा और साथ ही 14 दिन के लिए क्वारंटीन भी किया जाएगा.”
यह बात इसी हफ्ते मंगलवार को उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कही है. मंगलवार को उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. जिसमें 6 राज्यों के पुलिस अधिकारी शामिल हुए. बैठक में यूपी, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़ व इंटेलीजेंस ब्यूरो के अफसरों ने भी हिस्सा लिया. पहली बैठक में तय हुआ कि सरकार के आदेश के क्रम में कोई भी राज्य कांवड़ियों को हरिद्वार न आने दें. इसके लिए उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बल भी तैनात करने का निर्णय लिया गया.
लेकिन अब यह आदेश पलटा जा रहा है. क्योंकि कुछ महीने बाद उत्तर प्रदेश में चुनाव होने जा रहे हैं और योगी महाराज कह रहे हैं कि हम तो कांवड़ यात्रा करवा कर ही मानेंगे. इसके बाद यूपी के सीएम योगी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी से बात की. इसके बाद कहा जाने लगा कि हरिद्वार में प्रतिबंधित की गई कांवड़ यात्रा पर अब नए सिरे से पुनर्विचार किया जाएगा. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सीएम पुष्कर धामी के बीच हुई बात के बाद सरकार ने यू टर्न ले लिया है.
पूरी दुनिया को पता है कि दूसरी लहर के फैलने का एक बड़ा कारण उत्तराखंड के हरिद्वार में हुआ कुंभ भी था. पूरी दुनिया की मीडिया कुंभ कराने के निर्णय को लेकर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना कर रही थी. इसके बावजूद भी कुंभ का आयोजन करवाया गया और आधिकारिक रूप से 90 लाख लोगों ने इसमे हिस्सा लिया. इससे दूसरी लहर की विकरालता में वृद्धि हुई. भीड़ में संक्रमण तेजी से फैला.
कुछ दिन पहले आयी एसबीआई की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर अगस्त में आने की संभावना है. एसबीआई रिसर्च द्वारा प्रकाशित “कोविड -19: द रेस टू फिनिशिंग लाइन” शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत देश में दूसरी लहर अभी खत्म भी नहीं हुई है. सितंबर में लहर का पीक आ सकता है. इस रिपोर्ट में वैश्विक डेटा के हवाले से कहा गया है कि औसतन, तीसरी लहर के मामले दूसरी लहर के समय चरम मामलों के लगभग 1.7 गुना होता है. यानी यदि दूसरी लहर की पीक पर 4 लाख मामले आए थे, तो इस बार पीक में 7 लाख मामले प्रतिदिन तक जा सकते हैं.
उसके बावजूद 25 जुलाई से योगी सरकार कांवड़ यात्रा का आयोजन करने का मन बना चुकी है.
मनाली में पर्यटकों की भारी भीड़ की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस पर ICMR के डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि हिल स्टेशनों से आ रहीं तस्वीरें भयावह हैं. लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी व्यवहार का ध्यान रखना चाहिए. लव अग्रवाल ने कोरोना के हालात पर होने वाली नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिल स्टेशनों पर भारी भीड़ का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा करना अब तक के फायदे को कम कर सकता है. यदि प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है तो हम पाबंदियों में दी गई ढील को फिर से खत्म कर सकते हैं.
लेकिन किसी ICMR समेत किसी स्वास्थ्य सचिव की यह हिम्मत नहीं है कि योगी आदित्यनाथ को यह कह सकें कि यह कांवड़ यात्रा करवाना खतरनाक है. जबकि कोरोना के खतरे को देखते हुए उत्तराखंड में चार धाम यात्रा निरस्त की जा चुकी है. पुरी की रथयात्रा भी निरस्त हुई है. जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा भी स्थगित की जा चुकी है. उसके बावजूद कांवड़ यात्रा करवाने पर योगी सरकार अड़ी हुई है. क्योंकि इस साल चुनाव हैं और हिन्दू भावनाओं का तुष्टिकरण करना बीजेपी का प्रथम कर्तव्य है. चाहे इसमें भाग लेकर हजारों लाखों लोग संक्रमित हो जाए.
डिस्क्लेमर : ये लेखक के निजी विचार हैं.