Lagatar Desk
मीडिया ने आपको खूब बताया. शहर के अस्पताल में बेड नहीं, ऑक्सीजन नहीं, वेंटिलेटर नहीं. जांच की व्यवस्था नहीं. दवाई नहीं है.
आपके गांव या मुहल्ले का क्या स्थिति है ?
क्या सरकार ने किसी तरह की जांच, दवाई व बेड की व्यवस्था की है ?
क्या गांव में डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी पहुंचे हैं ?
क्या सरकार ने लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है ?
क्या खांसी-बुखार होने के बाद किसी की मौत हुई है ?
क्या गांव के लोग मास्क लगा कर रहते हैं ?
अपने गांव, मुहल्ले की स्थिति नीचे के कमेंट बॉक्स में लिखें.
साथ ही यह लिंक गांव में रहने वाले परिचितों को शेयर करें. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की बात सरकार तक पहुंच सके.
गाँव की स्तिथि बहुत ही खराब है । न कोई डॉक्टर गाँव मे पहुंचता है । अगर लोगो को बुखार , खासी होती है तो प्राइवेट दवाखाना के भरोशे निर्भर है । ग्रामीण परिवेशों में तो लोग अभी भी जागरूक नजर नही है । बिना मास्क के ही घूमते रहते है । सरकार का सारा ध्यान शहरों तक ही सिमट कर रह गया है । गॉव में अस्पतालों की भी कोई व्यवस्था नही है ।
गाँव का हाल खराब सुनने को मिला है.पिछले दो दिन में दो लोगों की जान गई है. लोग दहसत में हैं.
गांव का नाम भी बतायें
Saram Gomia me COVID-19🦠😷 koi isolation center nahi h Or nah hi kahi vaccine ka koi update h..na to MLA na Jilaparisadh, Na Mukhiya, Na Ward kaha se kisi tarah ka koi help Or na koi vewashta h… Ager kisi ko corona ve hota h to inlogo ke taraf se koi taraha ke vaishtha nahi.. H.
Yeha tak kisi ka Phone/calls Bhi nahi h.
Apna surchaa Or Sefty apke aanth me.. Apko apne Risk me jo karna h…
Jinlogo k um sav ne mil ker banyaaa ager ov inshaan ke nate ager koi Initiative nahi le raha h to ab ap samj le kisi se asha rakh ker apno ko apne aankah ke samne marte dekhiye Or nai.. To apne safety ke sath ghar walo ka Sefty ka dhyaan de…
Stay safe and healthy
गांव में कोई भी स्वास्थ्य कर्मी नही पहुंचते है । न ही यहाँ कोई समूचित व्यवस्था है । सरकार को ग्रामीण इलाकों में लोगो के लिए ठोस पहल करनी चाहिए । ताकि गॉव के लोग भी कोरोना जैसी भयावह स्तिथि में बच सके । जागरूकता की भी कमी है ।
स्वास्थ्य, जांच,टीकाकरण वगैरह की स्थिति तो अमूमन ठीक ही है पोसिटिव लोगों के इलाज की व्यवस्था बिल्कुल नही है,कोरोना का प्रकोप तो है ही टाइफाइड का भयानक प्रकोप है बहुतों ने जान गंवां दिया टाइफाइड से, कृषि बहुल इलाका होने के कारण आर्थिक मार बहुत जबरदस्त पड़ी है किसानों पर ऊपर से आधार लिंक नही होने के कारण इस महीने कई लोगों का रासन भी कट गया है जो ,कोरोना काल मे लोक डाउन के दौर में गरीबों को रासन से बंचित नही किया जाना चाहिए आधार के नाम पर।इन छोटी छोटी बातों पर सरकार ध्यान दे , और जन सुविधा उतपन्न करने के लिए स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों को स्पष्ट गाइडलाइन उपलब्ध करावे सरकार,
स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रखंड स्तर पर मजबूत करना अति आवश्यक है।
हमारे गांव में आइसोलेशन वार्ड बना है लेकिन कोई डॉक्टर नही आते ना ही उनके सहयोगी आते हैं यहां तक की unlog का रोस्टर बना huwa hai fir bhi,लापरवाही डॉक्टरों की चरम पर है..4tarik to zila se team aa kar rt pcr janch ki thi pr aaj tak report nahi aaya hai,aise me जांच का क्या फायदा इतने दिन में कितने लोग पॉजिटिव से नेगेटिव और नेगेटिव से positive ho jayenge,
नही कोई सुविधा नही hai लोगों मे टिका कारण नही ले रहे है जागरुकता मे कमी
ग्रामीणों को जिस तरह कैंप लगाकर वैक्सिंग दी जा रही है जिला प्रशासन को भी उपायुक्त से लेकर के एक 1 ट्यून तक को कोबिट का वैक्सीन कैंप लगाकर दिया जाना चाहिए ताकि ग्रामीणों पर इसका अच्छा संदेश जाए और ग्रामीण कोबिट वैक्सीन लेने के लिए तैयार हो जाए क्योंकि ग्रामीण कोविड वैक्सीन नहीं लेना चाहते हैं
गाँव का हाल खराब सुनने को मिला है. पिछले दो दिन में दो लोगों की जान गई है. लोग दहसत में हैं
गिरिडीह लोकसभा के बूथ नंबर 01 जी हुरलुंग पंचायत में पड़ता है। गॉव की स्थिति बहुत ही बुरा हाल है पिछले दस दिनों में 7 से 8 लोगो की जान जा चुकी है।सरकार वहां की जनता को उनके अपने हालात में भगवान भरसे छोड़ दिया है।कोई ऐसा परिवार नही है जिसके घर मे दो चार सदस्य सर्दी बुखार से पीड़ित है। लोग अपने गांव के डॉक्टर ब्जिसको हुमलग झोलाछाप डॉ नाम दिए है।अभी वही गॉंव का संकट मोचक बन उपचार कर रहे है।में पत्रकार बंधुओ से आग्रह करता हैं कि कभी गॉंव का ग्गराउंद रिपोर्ट टेलीविजन पर दिखाए।
प्रेस विज्ञप्ति
बरसात शुरू होते हीं चलना दुभर हो जाता है सासंद के गृह पंचायत में।
झारखंड प्रदेश के के प्रखंड और ज़िला कोडरमा के चाराड़ीह पंचायत में ज्यादातर में सड़क नाला के रूप में परिवर्तित हो जाता है।यह वही पंचायत है जो झारखंड बनने से लेकर साल 2009 तक विधायक दिया और 2019 में सांसद दिया है और हमारी सांसद महोदया आज देश की सबसे राजनीतिक पार्टी बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।यहां के स्थानीय लोगों द्वारा साल 2019 में रोड़ नहीं तो वोट नहीं के नारे के चुनाव बहिष्कार भी किया गया था।इसके बाद कोडरमा प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचल अधिकारी ने पंचायत के गांवों के मुआयना करने आए और आवाम से संवाद के जरिए जनवरी 2020 में सड़क की समस्या को हल करने भरोसा देकर लोकतंत्र के महापर्व में शामिल होने का आग्रह किए थे और यहां की आवाम इनके बातों को मानते हुए चढ बढकर चुनाव में हिस्सा भी लिए। इस बात को लेकर यहां समाजिक कार्यकर्ता प्रकाश यादव ने बार बार यहां प्रखंड़ विकास पदाधिकारी,अंचल अधिकारी, विधायक और को याद दिलाने का काम किया है ।यहां तक कि भारत ग्रमाणो का संयुक्त हस्ताक्षर युक्त आवेदन भी इन सभी पदाधिकारियों को दिया जा चुका है । लेकिन आज भी सड़क का समस्या जस का तब है । चाराडीह के मुन्ना साव जी घर के पास से लेकर बासुदेव साव घर तक , पुत्रों के महादेव यादव के घर से जवाहर नवोदय विद्यालय पुत्तो से होते हुए कुमार रमेशम जी घर होते हुए बजरंग बली मंदिर तक।और मेसोंधा टोला में,चुटियारो के नीचे टोला विजय साव के घर के सड़क पुर्ण रूपेण नाला बन चुका है।
अब तक जिले के अंदर 200 से ज्यादा जाने जा चुकी है।इसमें गांव के भी शामिल हैं।अतः आप कह सकते हैं कि गांव की स्थिति भी चिंतनीय है।
Hi my Rajendra Singh villege lat barwadih se hoon gaw ki halat bahut kharab hai har ghar me 2/3 long ko bimar hai sarkari koy help nhi ho pa rha hai ya ka sicwasan bahut kharab hai yaha koy media nhi hai aur nhi aata hai hoske to gaw me aakr check kare media se mera ricwest hai
रामगढ़ जिला की स्थिति बहुत ही खराब आस पास के गावों में कोई सुविधा नही ना टिका टाइम पे लग रहा ना वेक्सीन का दूसरा डोज पहला डोज लिए हुवे 40.45 दिन गुजर जा रहा दूसरा डोज का कोई अता पता नही ग्रामीण दहशत में सरकार को इसपर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए थी झारखंड में कुल जिले 24 है तो जाहिर सी बात है 24 डिस्ट्रिक कलेक्टर (DC) होंगे तो मेरा राय है की सरकार सभी डिस्ट्रिक कलेक्टर को फोन करे सिर्फ 5 मिनट और अपने जिले की जानकरी खुद से ले फिर देखने को मिलेगा सुविधा कैसा मिलता है दिखाइए सर cm झारखण्ड तब जनता बोलेगी( हेमंत है तो हिमत है)जय झारखण्ड 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
झारखण्ड सरकार बहुत ही अच्छी तराह से कार्य कर रहें है कोई भी दिक्कत नही होने दिए है
गोमिया में स्वास्थ्य सेवाओं की हाल बद से बद्तर बनती जा रही है। सरकार एवं जिला प्रशासन को हर हाल में कैम्प लगाकर गोमिया के लोगों को बचाने की जरूरत है। लगातार के संवाददाता अनंत कुमार की ग्राउंड रिपोर्ट से मालूम चल रहा है कि किस धड़ल्ले से गोमिया के लोगों की मौतें हुई हैं। अबतक के रिपोर्ट के अनुसार अभी भी सरकार सही समय पर ध्यान नहीं दिया तो निश्चित रूप से महामारी का रूप ले सकता है गोमिया। चिकित्सकों की भारी कमी महसूस कर रही है जनता जिसके कारण अनेक मौतें हुई हैं। अतः जिला प्रशासन एवं सरकार से अपील है कि यथाशीघ्र गोमिया में चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त करते हुए ग्रामीणों को समुचित इलाज करवाना सुनिश्चित करें।
जागो गांव की सरकार।गोमिया की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। चारों ओर से मृतकों की संख्या भी नजर आ रही है। जिला प्रशासन एवं सरकार को गोमिया में विशेष चिकित्सा टीम भेजकर राहत शिविरों लगाकर लोगों की इलाज यथाशीघ्र शुरू कर देनी चाहिए।
ग्राम चतरो चट्टी प्रखंड गोमिया के ग्रामीण दहशत में हैं पिछले दिन हूवे लगातार दो मौतो 1 डाक सेवक मनोज केशरी कोरोना से हो गई इसके एक दिन पूर्ब तुलसी पंडित कि पत्नी को सादर हजारीबाग मे हो गई ऐसे कई लोग चतरो चट्टी मे बीमार हैं उसका सुध लेने वाला ना सरकारी महकमा है और ना चिकित्सक चतरो चट्टी के लोगो भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है आदि कोरोना जॉंच नहीं कराया गया तो इसी तरहा लोग अनजाने मे काल् के गाल मे सामाते चलें जाएँगे चतरो चट्टी कहनेे को उप स्वास्थ्य केंद्र है ना चिकित्सक है मेडीकल स्टॉफ कोरोना महामारी मे चिकित्सक और मेडीकल स्टॉफ का ना होंना चतरो चट्टी क्षेत्र सात पचांयत के लिए एक अभिशप से कम नहीं है