आज पढ़ें, गांव की खबर-14, झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे पलामू के सुआ-कौड़िया के ग्रामीण, 20 दिनों में 22 की मौत, कई बीमार

संजीत यादव

Palamu: कोरोना की दूसरी लहर में शहर से लेकर गांव तक तेजी से संक्रमण फैल रही है. पलामू के ग्रामीण इलाकों में इलाज का अभाव है. जिसके कारण संक्रमण के साथ-साथ मौत का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा. मेदिनीनगर से सटे सदर प्रखंड के सुआ- कौड़िया पंचायत में 20 दिनों में 22 से अधिक लोगों की मौत हुई है. जबकि सरकारी आंकड़ों में इन दोनों गांवों में एक भी मौत नहीं हुई है.चूंकि इन लोगों का कोरोना टेस्ट नहीं किया गया था इसलिए इनकी मौत सरकारी आंकड़े में दर्ज नहीं की गई. बता दें कि गावों में कई लोग अब भी बीमार हैं और वे झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करा रहे हैं.

किस पंचायत में कितने लोगों की हुई मौत

कौड़िया गांव में हुई मौतें

- निर्मल सिंह- 65 वर्षीय

- बिंदास साव- 50 वर्षीय

- नियाज अंसारी- 45 वर्षीय

- कुंती देवी- 60 वर्षीय

- ऐसा बीबी -50 वर्षीय

- वाहिद अंसारी 49 वर्षीय

- बिकिनी बेबी- 55 वर्षीय

- मुंशी भुईयां- 65 वर्षीय

- कलावती देवी- 60 वर्षीय

- गफूर मियां- 65 वर्षीय

- अनछ बैठा- 60 वर्षीय

8 दिनों के अंदर 4 लोगों की मौत

सुआ गांव में हुई मौतें

- कृष्णा सिंह- 50 वर्षीय

- सुरेखा देवी -55 वर्षीय

- नंद कुमार सिंह -50 वर्षीय

- शंभू सिंह -55 वर्षीय

 - शंखपाल ठाकुर -55 वर्षीय

- जौत्री देवी- 55 वर्षीय

- डोमन सिंह की मां -57 वर्षीय

- देव नारायण सिंह की पत्नी- 52 वर्षीय

 - उपाध्याय सिंह की मां -55 वर्षीय

 बीते दो दिनों में तीन लोगों की हुई मौत

सुआ-कौड़िया में करीब 3500 लोगों की आबादी है. बीते 20 से 22 दिनों के अंदर 22 लोगों की सर्दी,खांसी और बुखार से मौत हो चुकी है. वहीं अभी भी 17 सौ से अधिक लोग बुखार, सर्दी और खांसी से ग्रसित हैं. लोगों में कोरोना संक्रमण का लक्षण भी दिख रहा है. करीब 10 से 15 दिनों तक लोग सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित हैं. लोगों को मेडिकल सुविधा के नाम पर एएनएम की सेवा मिल रही है. 1 एनएम 2 पंचायतों में जाकर लोगों का इलाज कर रही हैं. वहीं कई लोग झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे इलाज करा रहे हैं और आधे से अधिक ठीक भी हो रहे हैं.

मुखिया ने क्या कहा

कौड़िया पंचायत की मुखिया सरिता देवी ने कहा कि कुछ दिन पहले करीब सभी घरों के लोग बीमार थे. धीरे-धीरे उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ. पूछे जाने पर ज्यादा लोग टाइफाइड बीमारी से पीड़ित बताये गए. मुखिया ने बताया कि वो घर-घर जाकर लोगों को कोविड जांच कराने के लिए जागरूक कर रही हैं. लेकिन लोग जांच नहीं करा रहे हैं. पिछली बार 50 लोगों का कोरोना जांच किया गया था. उसमें कोई भी पॉजिटिव केस नहीं निकला था.