Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानना है कि शिक्षा नीतियों का निर्धारण और क्रियान्वयन केवल राजधानी तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसकी जड़ें गांवों में होनी चाहिए. इसी विजन को मूर्त रूप देने के लिए राज्य का स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग काम कर रहा है. इस क्रम में राज्यस्तरीय विद्यालय अनुश्रवण के लिए 61 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. यह टीम 14 मई से 20 मई, 2025 तक स्कूलों का अनुश्रवण करेगी. टीम को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. अनुश्रवण के दौरान क्या होगा? - टीम के सदस्य स्कूलों में जाकर शिक्षा योजनाओं और कार्यक्रमों की जमीनी हकीकत का अनुश्रवण करेंगे. - वे बच्चों से बात करेंगे और उनकी प्रतिक्रिया लेंगे. - वे स्कूलों में शिशु पंजी सर्वे की गहनता से जांच करेंगे. - वे यु-डायस के डाटा से स्कूल के डाटा का मिलान करेंगे. - वे स्कूलों में एमडीएम का मेन्यू देखेंगे और पोषक भोजन की जांच करेंगे. टीम जीरो ड्राप आउट विद्यालयों का अनुश्रवण करेगी और जमीनी हकीकत का पता लगाएगी. अगर विद्यालय का दावा सही है, तो उस विद्यालय को प्रोत्साहित किया जाएगा और दावा भ्रामक पाए जाने पर स्कूल के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. टीम को 27 मई, 2025 तक झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव को अनुश्रवण प्रतिवेदन देना होगा. यह भी पढ़ें : झारखंड">https://lagatar.in/strike-on-may-16-in-unfunded-educational-institutions-of-jharkhand/">झारखंड
के वित्तरहित शिक्षण संस्थानों में 16 मई को हड़ताल