Ranchi : झारखंड शराब घोटाला मामले में एसीबी ने आज मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है. एसीबी की टीम ने पूर्व उत्पाद कमिश्नर अमित प्रकाश को गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार करने के बाद अमित प्रकाश से एसीबी मुख्यालय में पूछताछ की जा रही है. इस मामले में एसीबी की टीम विनय चौबे समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
इससे पूर्व निगरानी ने शराब घोटाले की जांच के दौरान रिटायर्ड उत्पाद आयुक्त को पूछताछ के लिए बुलाया था. अमित प्रकाश दिसंबर 2024 में उत्पाद आयुक्त के पद से रिटायर हुए थे. सूत्रों के अनुसार इस अधिकारी पर ओम साईं नामक शराब के थोक व्यापारी के करीब 12 करोड़ रुपये विमुक्त करने का आरोप है.
राज्य में लागू की गयी शराब नीति में शराब के थोक व्यापार का काम ओम साईं और दिशिता वेंचर नामक कंपनियों को मिला था. शराब की आपूर्ति में गड़बड़ी के आरोप में ओम साईं के खिलाफ जाँच चल रही थी.
इन पर लगे आरोपों के मद्देनजर सरकार ने उसके बकाये के भुगतान पर रोक लगा रखी थी. इसके बावजूद रिटायरमेंट से पहले अमित प्रकाश ने इस कंपनी का बकाया करीब 12 करोड़ रुपये विमुक्त कर दिया था.
जानें क्या है पूरा मामला
साल 2021 के अंत में, झारखंड के शराब व्यापारियों के बीच यह चर्चा थी कि 2022-23 से एक नयी शराब नीति लागू होने वाली है, जिसमें छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट का प्रभाव रहेगा. इसी पृष्ठभूमि में, उत्पाद विभाग ने छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग लिमिटेड (CSML) को झारखंड में शराब के राजस्व को बढ़ाने के लिए सलाहकार नियुक्त किया.
सरकार ने उत्पाद नीति बनाने में सलाह देने के लिए अरुणपति त्रिपाठी की फीस 1.25 करोड़ रुपया निर्धारित की. नयी उत्पाद नीति बनाने के बाद, उसे राजस्व पर्षद सदस्य के पास सहमति के लिए भेजा गया. उस समय अमरेंद्र प्रसाद सिंह राजस्व पर्षद सदस्य थे.
उन्होंने उत्पाद नीति पर अपनी असहमति जताते हुए कई मामलों में बदलाव का सुझाव दिया. उन्होंने यह टिप्पणी भी की कि जिस कंपनी को राजस्व बढ़ाने के लिए सलाहकार नियुक्त किया गया है, वह अपने ही राज्य में शराब का राजस्व बढ़ाने में सक्षम नहीं है.