गोमिया प्रखंड कार्यालय में भ्रष्टाचार का आरोप-प्रत्यारोप जारी, लोग परेशान

Bermo: बोकारो जिला अंतर्गत गोमिया की निवर्तमान उपप्रमुख मीना देवी ने एसडीओ बेरमो को पत्र लिखकर गोमिया प्रखंड विकास पदाधिकारी पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है और जांच की मांग की है.  दूसरी तरफ प्रखंड के मुखिया से लेकर रोजगार सेवक ने उपप्रमुख के बेटे उत्तम सिन्हा के खिलाफ भयादोहन का आरोप लगाते हुए बीडीओ से कार्रवाई करने की मांग की है.

दरअसल 13 अप्रैल को निवर्तमान उपप्रमुख मीना देवी ने बीडीओ गोमिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए एसडीओ बेरमो से शिकायत कर जांच की मांग की है. उन्होंने विभिन्न योजनाओं में उनके द्वारा बरती गयी उदासीनता से अवगत कराया है. दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप जारी है. इससे गोमिया प्रखंड में भ्रष्टाचार की परत खुलने लगी है.

पूर्व उपप्रमुख ने कहा कि गोमिया प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में बनाये गये जल मीनार की प्रति यूनिट लगभग 3.20 लाख रुपये की दर से भुगतान की गई है. जबकि इसकी वास्तविक कीमत लगभग 1.80 लाख रुपये है. इसी प्रकार स्ट्रीट लाइट की प्रति यूनिट लगभग 2100 रुपए की दर से भुगतान किया गया है, जबकि इसकी वास्तविक कीमत मात्र 1300 रुपए है. अब प्रखंडस्तर पर किसी भी पंचायतों में वास्तविक कीमतों पर यदि सामग्री की आपूर्ति के लिए कोई आपूर्तिकर्ता संबंधित पदाधिकारियों से संपर्क करता है तो उन्हें मना कर दिया जाता है. बताया जाता है कि उपविकास आयुक्त बोकारो द्वारा गोमिया बीडीओ को स्ट्रीट लाइट के मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, जबकि वे खुद ही अप्रत्यक्ष तौर पर इसमें संलिप्त हैं. जाहिर है इसमें जांच कैसी होगी.

बताया जाता है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में प्रखंड में भारी मात्रा में फर्नीचर की खरीद फर्जी बिल के माध्यम से फर्जी ढंग से किया गया था. आज भी किया जा रहा है. पूर्व उपप्रमुख ने गोमिया प्रखंड में मनरेगा योजनाओं में वेंडर द्वारा लाभुकों को सामग्री की आपूर्ति किए बगैर बिल का भुगतान करने की बात कही है. उन्होंने प्रखंडस्तरीय पदाधिकारी से लेकर पंचायतस्तरीय पदाधिकारी द्वारा पैसे का बंदरबांट करने और लाभुकों तक उनका वास्तविक राशि दिए बिना योजनाओं को बंद कर देने का आरोप लगाया है.

अवैध वसूली का आरोप

16 अप्रैल को गोमिया प्रखंड मुख्यालय में प्रमुख सहित मुखिया, रोजगार सेवक एवं पंचायत सचिव ने बैठक की. उन्होंने इस संबंध में बीडीओ गोमिया को एक लिखित शिकायत पत्र दिया. पत्र में लिखा है कि पिछले पांच वर्षों से पूर्व उपप्रमुख के पुत्र उत्तम कुमार सिन्हा ग्राम रोजगार सेवक, पंचायत सेवक, मुखिया एवं अन्य प्रखंडकर्मियों पर अवैध वसूली करने के लिए दवाब बनाते रहे हैं. जब पैसा नहीं मिलता है तो वे वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत कर देते हैं.

कानूनी कार्रवाई की मांग

कहा कि पैसे नहीं देने पर गलत आरोप लगाकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है. सभी प्रखंडकर्मी इसे लेकर परेशान हैं और उनपर कानूनी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं ताकि भयमुक्त होकर कार्य कर सकें. दोंनो ओर से आरोप और प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. वहीं आमलोग इसमें पिस रहे हैं.