alt="" width="600" height="400" /> कार्यपालक अभियंता कुमार अरविंद.[/caption] इसे भी पढ़ें : 6.5">https://lagatar.in/argentinas-earth-trembled-due-to-6-5-magnitude-earthquake/">6.5
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क्या है गजिया बराज की स्कीम
स्वर्णरेखा परियोजना का खरकई बराज (गजिया बराज) मुख्य तौर पर ईचा डैम का पार्ट है. इस बराज में ईचा डैम से पानी आना है. इस बराज से ही आदित्यपुर का 395.12 करोड़ रुपए का जलापूर्ति सिस्टम भी संचालित होना है, चूंकि गजिया बराज से ही सीतारामपुर डैम को एग्रीमेंट के मुताबिक प्रति सेकेंड 1.12 घन मीटर पानी मिलना है, जिससे यहां बनने वाली 30 एमलएडी का फिल्ट्रेशन प्लांट का संचालन होना है. इस स्कीम से आदित्यपुर के करीब 3 लाख की आबादी को जलापूर्ति का लाभ आसानी से मिल सकेगा. इसे भी पढ़ें : चैत्र">https://lagatar.in/chaitra-navratri-mother-brahmacharini-gives-boon-immediately-when-she-is-happy-offer-hibiscus-lotus-flower-and-sugar/">चैत्रनवरात्र : मां ब्रह्मचारिणी खुश होने पर तुरंत देती हैं वरदान, चढ़ायें गुड़हल-कमल का फूल और शक्कर
गजिया बराज से मॉडल एरिगेशन की हो रही है शुरुआत
गजिया बराज का लेफ्ट कैनाल जो सीतारामपुर डैम तक आना था, उसके डीपीआर में परिवर्तन कर अंडरग्राउंड पाइप लाइन में परिवर्तित कर लेफ्ट कैनाल को मॉडल एरिगेशन का नाम दिया गया है. सुवर्णरेखा बहुद्देश्यीय परियोजना में पहली बार मॉडल एरिगेशन की शुरुआत हो रही है. इससे कैनाल निर्माण के लिए अब किसानों की जमीन नहीं ली जाएगी. मॉडल एरिगेशन के तहत अंडरग्राउंड पाइप लाइन के जरिए किसानों के खेतों को सिंचित कर उन्हें सालों भर बहुफसली उपज का अवसर मिलेगा. इसकी शुरुआत परियोजना ने गजिया बराज के लेफ्ट कैनाल से कर रही है. मॉडल एरिगेशन के तहत किसानों को अंडरग्राउंड पाइपलाइन से सालों भर पानी मिलेगा. इससे वे बहुफसली कृषि करने लगेंगे. इससे उनकी आमदनी चार गुणा बढ़ जाएगी. पहले गजिया लेफ्ट कैनाल से मात्र 1000 हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने का लक्ष्य था, लेकिन सीतारामपुर डैम की ऊंचाई की वजह से खुले कैनाल की योजना को रोक दी गई और अब मॉडल एरिगेशन के तहत अंडरग्राउंड पाइप लाइन से इस क्षेत्र के 25000 हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने के साथ पेयजलापूर्ति के लिए सीतारामपुर डैम में पानी भी पहुंचाया जाना है. इसे भी पढ़ें : भारत">https://lagatar.in/moon-not-visible-in-india-first-fast-of-ramadan-will-be-on-march-24/">भारतमें नहीं दिखा चांद, 24 मार्च को होगा रमजान का पहला रोजा