बोरिंग पर ही निर्भर हैं ज्यादातर परिवार
[caption id="attachment_606435" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="400" /> सांकेतिक तस्वीर[/caption] बता दें कि आदित्यपुर में वर्तमान जलापूर्ति योजना सीतारामपुर डैम से संबद्ध है जिसकी क्षमता महज 5 एमजीडी (मिलियन गैलन पर डे) की है. इससे केवल करीब 13 हजार परिवारों को ही पाइप लाइन जलापूर्ति का लाभ मिल पा रहा है. यह योजना 60 साल पुरानी है और पाइप लाइन भी लगभग क्षतिग्रस्त हो चुकी है. ऐसे में पिछले 20 वर्षों में आदित्यपुर की आबादी तो तीन गुना बढ़ी है लेकिन इस क्षेत्र में पाइप लाइन की व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है. लिहाजा लोग घर में सीधे बोरिंग कराकर अपनी जरुरतें पूरी कर रहे हैंं. भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन से भूमिगत जल भी सुख चुके है. आदित्यपुर में वर्तमान में 600 फीट की गहराई तक जलस्तर पहुंच गया है इससे एक-एक परिवार को तीन से चार बार बोरिंग कराना पड़ रहा है. हर बार बोरिंग कराने पर करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च होते हैं जो 3 से 4 साल बाद सुख जा रहे हैं. इसे भी पढ़ें : आदित्यपुर">https://lagatar.in/adityapur-adpo-held-a-meeting-regarding-harsh-johar-course/">आदित्यपुर
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नगर निगम के पास यह संसाधन हैं उपलब्ध
12 हजार लीटर क्षमता का 2 टैंकर, छह हजार लीटर का 1 टैंकर और दो हजार लीटर का 4 टैंकर उपलब्ध है. नगर निगम ने उपलब्ध संसाधन से जो योजना बनाई है उसके तहत 12 हजार लीटर के 1 टैंकर दिन में 2 ट्रिप लगाएंगे जिससे कि रोज 24 हजार लीटर की जलापूर्ति होगी. वहीं 6 हजार लीटर के 1 टैंकर दिन भर में 4 ट्रिप लगाएंगे जिससे कि 24 हजार लीटर जलापूर्ति होगी वहीं 2 हजार लीटर के टैंकर रोजाना 6 ट्रिप लगाएगी जिससे कि 12 हजार लीटर जलापूर्ति होगी. इस प्रकार रोज 60 हजार लीटर पानी टैंकर से जरूरतमंदों को नगर निगम देने की योजना बनाई गई है. इसके अलावा 35 वार्ड में कुल 64 एचवाईडीटी प्लांट हैं जिसे भी दुरुस्त कराया जा रहा है इस पर सभी वार्ड के करीब 20 हजार परिवार निर्भर हैं.47 हजार परिवार हैं भू जल पर निर्भर
[caption id="attachment_606449" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="400" /> बोरिंग गाड़ी[/caption] बता दें कि वर्तमान में आदित्यपुर की आबादी तकरीबन 60 हजार परिवारों की हो गई है लेकिन महज 13 हजार परिवारों को ही पाइप लाइन जलापूर्ति का लाभ मिल रहा है. बाकी के 47 हजार परिवार भू जल पर निर्भर हैं. मालूम हो कि वार्ड 17 जो नगर निगम का नया वार्ड है, इसका विकास तकरीबन 20 वर्ष पूर्व हुआ है. यहां आवास बोर्ड की 1200 के करीब एलआईजी, एमआईजी व एचआईजी प्लॉट्स एवं मकान व फ्लैट हैं. जिसमें बड़ी आबादी रहती है लेकिन इन्हें मुलभुत सुविधाएं नहीं दी गई है. यहां के लोग पिछले 20 वर्ष से भू जल पर निर्भर रहकर समय बिता रहे हैं. अब तक भी यहां के लोगों को पीने का पानी मयस्सर नहीं हो पाया है. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-students-of-netaji-subhash-university-visited-bebco-toyota-industrial/">जमशेदपुर
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