Ranchi: झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सख्त निर्देश के बावजूद कुछ वकीलों ने न्यायिक कार्यों में हिस्सा लिया है. काउंसिल द्वारा अधिवक्ताओं को सख्त निर्देश दिए जाने के बाद भी न्यायिक कार्य में शामिल होने वाले अधिवक्ताओं के ऊपर काउंसिल अपना हथोड़ा चला सकता है और कड़ी कार्रवाई कर सकता है.
पुख्ता जानकारी के मुताबिक सिमडेगा, जमशेदपुर और जामताड़ा जिले के लगभग एक दर्जन अधिवक्ताओं ने काउंसिल की मनाही के बावजूद न्यायिक कार्य जारी रखा था और न्यायायलय में जामनत समेत अन्य कार्यों से संबंधित आवेदन जमा किये हैं. काउंसिल ने उन वकीलों के इस कृत्य को गंभीरता से लेते हुए उनपर डिसिप्लिनरी एक्शन लेने की बात कही है.
अधिवक्ताओं को एक सप्ताह तक न्यायिक कार्यों से दूर रहने के लिए कहा गया था
बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा ने कहा है कि राज्यभर के अधिवक्ताओं को एक सप्ताह तक न्यायिक कार्यों से दूर रहने के लिए कहा गया था और इसके लिए पत्र जारी कर सख्त निर्देश दिए गए थे. यह कदम कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर उठाया गया था, जिसका पालन राज्य के सभी वकीलों को करना था. लेकिन इस बीच ये खबरें आ रही हैं कि कुछ जिलों के वकीलों ने इस निर्देश का उ किया है और काउंसिल इसपर संज्ञान लेते हुए कठोर कदम उठा सकता है.
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था
बता दें कि 19 अप्रैल को स्टेट बार काउंसिल ने राज्यभर के वकीलों के लिए सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा था की राज्य के वकील 19 से 25 अप्रैल तक अदालत की कार्यवाही में शामिल नहीं होंगे. वर्चुअल और फिजिकल किसी कोर्ट में वह शामिल नहीं होंगे. झारखंड राज्य बार कौंसिल की जेनरल बॉडी की रविवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था. बार कौंसिल ने सभी जिलों के बार संघों और एडवोकेट एसोसिएशन को इसका पत्र भेजकर इसकी सूचना दी थी है और सभी से इसका पालन करने का निर्देश दिए गए. कौंसिल के आदेश का पालन नहीं करने वालों पर नियमों के अनुसार कार्रवाई किये जाने की बात कही गयी थी.