भारत में JN.1 के बाद अब NB1.8.1 और LF.7 वेरिएंट की दस्तक, सतर्क रहने की सलाह
LagatarDesk : दुनिया के कई हिस्सों में एक बार फिर कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है. भारत में जहां JN.1 वेरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं, वहीं अमेरिका में कोरोना का एक नया वेरिएंट NB1.8.1 मिला है. विशेषज्ञों का कहना है कि ये दोनों वेरिएंट ओमिक्रॉन के ही सब-वेरिएंट हैं. विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि कोरोनो के बढ़ते मामलों से घबराये नहीं, सतर्क रहें. भारत में JN.1 वेरिएंट के मरीज भारत में अब तक JN.1 वेरिएंट के 20 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. यह वेरिएंट ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BA.2.86 से संबंधित है. इसके लक्षण पुराने कोरोना संक्रमण की तरह ही हैं. यानी इस वैरिएंट के मरीजों में गले में खराश, बुखार, नाक बहना, सूखी खांसी, थकान, सिरदर्द और स्वाद या गंध नहीं आना जैसे लक्षण पाये जा रहे हैं. अमेरिका में नया वेरिएंट NB1.8.1 JN.1 की तरह NB1.8.1 भी एक नया सब-वेरिएंट है, जो पहले अमेरिका में पाया गया था. लेकिन INSACOG की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में भी इसका एक मामला सामने आ चुका है. इसके साथ ही LF.7 नामक वेरिएंट के चार मामले भी भारत में रिपोर्ट हुए हैं. वैज्ञानिक लगातार इसकी जांच कर रहे हैं कि क्या यह नया वेरिएंट अधिक संक्रामक या गंभीर है और वैक्सीन इस पर कितनी असरदार है. क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ? टीवी 9 के अनुसार, विशेषज्ञ ने कहा है कि भारत में स्थिति नियंत्रण में है. मरीजों की हालत गंभीर नहीं है और अधिकतर को होम आइसोलेशन में ही आराम मिल रहा है. उन्होंने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) इस समय छह नए वेरिएंट्स की निगरानी कर रहा है, जिनमें JN.1 और NB1.8.1 शामिल हैं. किन लोगों को है ज्यादा खतरा? विशेषज्ञ का कहना है कि बुजुर्ग, छोटे बच्चे और वे लोग जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, उन्हें इस संक्रमण से सबसे अधिक खतरा है. ऐसे लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गयी है. सावधानी ही बचाव विशेषज्ञों की मानें तो भले ही नए वेरिएंट्स फिलहाल ज्यादा खतरनाक नहीं हैं, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है. शुरुआती लक्षण दिखते ही तुरंत टेस्ट कराएं और डॉक्टर की सलाह लें. भीड़भाड़ से बचें, मास्क पहनें और हाथों की स्वच्छता बनाए रखें.