खूंटी में अर्जुन के लिए खतरे की घंटी, कांग्रेस का सांगठनिक ढांचा कमजोर

Ranchi :  2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को कुर्मी वोटरों की नाराजगी का खमियजा उठाना पड़ सकता है. वहीं कांग्रेस का कमजोर सांगठनिक ढांचा उसके उम्मीदवारों के लिए मुसीबत बना हुआ है. कांग्रेस उम्मीदवार कालीचरण मुंडा के भाई नीलकंठ सिंह मुंडा खूंटी विधानसभा से भाजपा विधायक हैं. इसको लेकर कांग्रेस उम्मीदवारों को अपने कैडर वोटरों के बीच जबाव देना भारी पड़ रहा है. वहीं बेलोसा बबीता कच्छप भारत आदिवासी पार्टी के टिकट पर खूंटी से चुनाव लड़ रही हैं. खूंटी में ही पत्थलगड़ी आंदोलन हुआ था. बबीता कच्छप आदिवासियों के संवैधानिक आधिकारों के मुद्दे को लेकर चुनाव मैदान में है. खूंटी लोकसभा में लगभग 60% से ऊपर आदिवासी वोटर हैं. इसमें मुंडा, उरांव, खड़िया प्रमुख हैं. इलाके में इसाई धर्मावलंबियों का भी तीन विधानसभा क्षेत्रों में प्रभाव है. वहीं अगर शहरी क्षेत्र की बात करें, तो यह सामान्य व पिछड़ों व अति पिछड़ों की आबादी है. खूंटी लोकसभा से कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमाने के लिए उतरे हैं. 2019 का परिणाम : 2019 के लोकसभा चुनाव में खूंटी लोकसभा से भाजपा उम्मीदवार अर्जुन मुंडा की जीत हुई थी. मोदी लहर के बाद भी मुंडा कांग्रेस उम्मीदवार कालीचरण मुंडा से महज 1447 मतों से ही चुनाव जीत पाये थे. वहीं तीसरे स्थन पर निर्दलीय उम्मीदवार मीनाक्षी मुंडा रही थीं. लोकसभा चुनाव के बाद हुए विधानसभा चुनाव में खूंटी और तोरपा विधानसभा को छोड़ अन्य चार पर झामुमो और कांग्रेस का कब्जा है.

2019 में किस गठबंधन को मिले कितने वोट 

विधानसभा   -     एनडीए    -   यूपीए/इंडिया     -          वर्तमान में किस दल के विधायक तामाड़        -      86351    -   44871             -          झामुमो खरसावां      -     88852     -   55971             -          झामुमो तोरपा         -     43964      -   65122            -          भाजपा खूंटी           -     51410      -   72812            -          भाजपा सिमडेगा     -      66122     -   71894            -           कांग्रेस कोलेबिरा    -      44866      -  69798             -          कांग्रेस

पलामू लोकसभा

2024 का लोकसभा चुनाव पलामू के लिए खास है. इस सीट पर मुख्य मुकबला भाजपा और राजद के बीच माना जा रहा है. पूर्व सांसद कामेश्वर बैठा इस बार बसपा से चुनाव मैदान में ताल ठोक चुके हैं. इससे यहां की लड़ाई त्रिकोणीय संघर्ष का रूप ले चुकी है. भाजपा उम्मीदवार विष्णु दयाल राम के पक्ष में प्रधानमंत्री मोदी चुनावी सभा कर चुके हैं. वहीं राजद उम्मीदवार ममता भुईयां के पक्ष में तेजस्वी यादव ने भी चुनावी सभाएं की है. भाजपा उम्मीदवार विष्णु दयाल राम का शुरुआती समय से ही भाजपा का एक गुट विरोध करता रहा है. इस चुनाव में मतदाताओं का मिजाज समझ पाना आसान नहीं है. राजनीतिक खेमे में जातिगत ध्रुवीकरण हो रहा है. इस बार ‘साईलेंट मतदाता’ खेमा भी मुखर है. हालांकि, ग्रामीण मतदाता चुनाव को लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिख रहे हैं. इन सब परिस्थितियों के बीच मतगणना के दिन ही पता चलेगा कि चुनावी ऊंट किस करवट बैठता है. इस बार के लोकसभा चुनाव में पलामू सीट से कुल नाै प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. 2019 चुनाव का परिणाम :  2019 के लोकसभा चुनाव में विष्णु दयाल राम को पलामू लोकसभा के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी. उन्होंने राजद प्रत्याशी घूरन राम को 4,77,509 मतों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में भाजपा को कुल 7,55,559 मत और राजद को 2,78,053 मत मिले थे. वहीं तीसरे स्थान पर बासपा की अंजना भुईयां रही थीं. उन्हें 53,597 वोट मिले थे. इस बार पलामू से नौ उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं.

2019 में किस गठबंधन को मिले कितने वोट 

विधानसभा        -     एनडीए       -   यूपीए/इंडिया     -    वर्तमान में विधायक डाल्टनगंज        -    1,45,935    -    46,842            -    भाजपा विश्रामपुर          -    1,18,583    -   39,379             -    भाजपा छतरपुर            -    1,00,026    -   39,565             -    भाजपा हुसैनाबाद         -     94,858      -   39,410             -    राकांपा गढ़वा               -    1,37,947    -   60,694             -    झामुमो भवनाथपुर        -    1,55,791    -   51,077              -    भाजपा

सिंहभूम लोकसभा

सिंहभूम लोकसभा सीट में इस बार वोटरों का नजरिया बदला हुआ है. 2019 में कांग्रेस की गीता कोड़ा ने चुनाव में जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार वह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही है. वहीं इंडिया गठबंधन की तरफ से झामुमो ने जोबा मांझी को खड़ा किया है. आदिवासी बहुल सिंहभूम सीट में उड़िया व कुर्मी मतदाताओं का भी अच्छा प्रभाव है. सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र के लिए फिलहाल सबसे बड़ा मुद्दा ईचा खरकई डैम परियोजना है. इस परियोजना को रद्द करने के लिए विस्थापित पिछले कई वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं. इस परियोजना से 126 गांव के लोग विस्थापित होंगे. चुनाव का समय आते ही यह मुद्दा उठ जाता है. भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय भी यह योजना चलती रही और अब झारखंड मुक्ति मोर्चा नीत सरकार में भी चल रही है. इसको लेकर डूब क्षेत्र के ग्रामीणों ने भी आंदोलन किये हैं. अब चुनावी फिजां में भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा व झामुमो प्रत्याशी जोबा मांझी ने भी आश्वासन दिया है कि इस बार जीतने से परियोजना को रद्द कर दिया जायेगा. 2019 चुनाव का परिणाम :  2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की गीता कोड़ा को 431,815 वोट लकर चुनाव जीता था. वहीं, दूसरे स्थान पर रहे भाजपा के लक्ष्मण गिलुवा को 359,660 वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर निर्दलीय प्रत्याशी पुष्पा सिंकू रही थी. उन्हें 15,224 वोट मिले थे. इस बार सिंहभूम सीट से कुल 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. चुनाव में भाजपा व झामुमो प्रत्याशी के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है.

2019 में किस गठबंधन को कितने वोट मिले 

विधानसभा      -      एनडीए           -      यूपीए/इंडिया      -     वर्तमान में विधायक सरायकेला      -      1,40,603        -      77,644             -      झामुमो चाईबासा        -      37,982          -       91,678             -      झामुमो मझगांव          -      29,092          -       88,418             -      झामुमो जगनाथपुर      -      44,148          -       57,056             -      कांग्रेस मनोहरपुर       -      52,152          -       58,264             -      झामुमो चक्रधरपुर       -      55,182          -       58,485             -       झामुमो

लोहरदगा लोकसभा

लोहरदगा लोकसभा के इस चुनावी दंगल में एनडीए से भाजपा ने समीर उरांव और इंडिया की तरफ से कांग्रेस ने सुखदेव भगत को चुनाव मैदान में हैं. वहीं, निर्दलीय चुनाव लड़ रहे झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने मुकाबला त्रिकोधीय कर दिया है. कांग्रेस के सुखदेव भागत 2019 का विधानसभा में भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा था. इस कारण लोहरदगा के पुराने कांग्रेसी सुखदेव भगत पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं. लोहरदाग, सिसई और गुलमा विधानसभा में सुखदेव भागत को लेकर कई बातें कही जा रही हैं. चमरा लिड़ा के चुनाव में खड़े होने पर भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के वोटों में भी सेधमारी होने की संभावना है. चमरा लिंडा का प्रभाव सरना वोटरो पर भी है, जिसका नुकसान भाजपा को होगा. वहीं युवा वोटर भी लिंडा के साथ नजर आ रहे हैं. लोहरदगा लोकसभा में खनन कार्य से होने वाले दुष्प्रभाव और बॉक्साइट परिवहन से लोहरदगा शहर प्रभावित होने का मुद्दा इस चुनाव खास है. इसके साथ पलायन, विस्थापन, बेरोजगारी जैसे मुद्दे महत्वपूर्ण है. 2019 चुनाव का परिणाम :  2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सुदर्शन भगत को 371,595 वोट लाकर चुनाव जीता था. कांग्रेस के सुखदेव भगत 361,232 मिले थे. वह दूसरे स्थान पर रहे. तीसरे स्थान पर जेएचकेपी के देवकुमार धान रहे. उन्हें19,546 वोट मिले थे. इस बार चुनाव में लोहरदगा सीट से 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. लोहरदगा सीट में तीन प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है.

2019 में किस गठबंधन को कितने वोट मिले

विधानसभा    -     एनडीए      -    यूपीए/इंडिया    -   वर्तमान में विधायक मांडर           -     91,442     -    90,254           -    कांग्रेस सिसई          -     61,504      -   71,978            -    झामुमो गुमला          -     62,628      -   69,313            -    झामुमो बिशुनपुर      -     73,255      -   59,946            -    झामुमो लोहरदगा     -     68,577      -   80,698            –    कांग्रेस [wpse_comments_template]