अगले साल बाहर आ पायेंगे लालू..
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अधिकारियों के साथ सांठगांठ से मिली पदोन्नति
आवेदन में जिक्र किया गया है कि झारखंड पर्यटन विकास निगम में कार्यरत आलोक प्रसाद को बिहार पर्यटन विकास निगम के द्वारा 30/ 7/ 1988 को अस्थाई प्रबंधक पद पर नियुक्त किया गया था. झारखंड पर्यटन विकास निगम के गठन के समय आलोक प्रसाद होटल बिरसा विहार रांची में प्रबंधक पद पर कार्यरत थे. गठन के बाद अधिकारियों के सांठगांठ से 18 फरवरी 2005 को प्रभारी महाप्रबंधक झारखंड पर्यटन विकास निगम बन गए. इसके बाद महाप्रबंधक रहते 16 अक्टूबर 2006 को प्रबंधक से प्रबंधक प्रशासक में पदोन्नति करा उप महाप्रबंधक बन गये हैं. [caption id="attachment_9374" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="400" /> सीएम हेमंत सोरेन को लिखा गया पत्र..[/caption] इसे भी पढ़ें- सीएम">https://lagatar.in/mulatis-model-presented-to-cm-government-serious-about-conservation-hemant/9352/">सीएम
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क्या है फर्जीवाड़ा
आलोक प्रसाद के प्रमाण पत्र के संबंध झारखंड पर्यटन विकास निगम के पास जो जानकारी है उसके अनुसार उनकी शैक्षणिक योग्यता इस प्रकार है. आलोक ने 1978 में मैट्रिक, 1986 एमबीए, 1992 एलएलबी और 2009 पीएचडी की है. कुलन पतरसस का कहना है कि आलोक प्रसाद के सेवा पुस्तिका में उनकी जन्म तिथि 12 /12 /1964 अंकित है. उस समय में समय 11वीं कक्षा उत्तीर्ण को मैट्रिक कहा जाता था तो केवल 13 साल 5 महीने में 11 कक्षा पास करना कैसे संभव हुआ. जबकि 1964 1965 में प्रथम कक्षा में नामांकन हेतु न्यूनतम 5 वर्ष अनिवार्य था. [caption id="attachment_9375" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="400" /> आवेदन में की गयी कार्रवाई की मांग..[/caption] इसे भी पढ़ें- पीएलएफआई">https://lagatar.in/plfi-zonal-commander-arrested-planned-to-shoot-at-businessmans-house/9361/">पीएलएफआई
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