गैंगस्टर अमन साहू को पलामू जेल से गिरिडीह सेंट्रल जेल में किया गया शिफ्ट

Palamu (Ranchi)  :  पलामू जेल मे बंद कुख्यात अपराधी अमन साहू को गुरुवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गिरिडीह सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया. पिछले कुछ दिनों से अमन गैंग के गुर्गो की गतिविधि काफी बढ़ गयी है, जिसको देखते हुए डीजीपी ने यह कर्रवाई का आदेश दिया. अमन साहू की गिरिडीह सेंट्रल जेल में शिफ्टिंग के साथ यहां अपराध बढ़ सकता है. कारा प्रशासन के लिए अमन को यहां रखना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि अमन जेल से ही अपना गैंग चलाता रहा है. जहां-जहां अमन को शिफ्ट किया जाता है, वह वहां से ही अपने अपराध के कारोबार को संचालित करने लगता है. जेल से ही अमन ने विभिन्न जिलों के व्यवसायियों को धमकी देने और रंगदारी वसूलने का भी काम किया है. जब उसे गिरिडीह केंद्रीय कारा में शिफ्ट किया जा रहा था, तब भी वह शांत नहीं बैठा था. उसने जेल में फोन उपलब्ध कराने और कई तरह की छूट की मांग को लेकर तत्कालीन जेल अधीक्षक अनिमेष चौधरी और जेलर प्रमोद कुमार पर दबाव बना रहा था. गौरतलब है कि बुधवार को एनआईए की टीम ने भी अमन साहू के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.

अमन ने जेलर को मारने के लिए दी थी ढ़ाई लाख की सुपारी

गैंगस्टर अमन साहू को पूर्व में अप्रैल 2022 में गिरिडीह केंद्रीय कारा में शिफ्ट किया गया था. यहां आने के महज तीन माह के अंदर अमन ने गिरिडीह केंद्रीय कारा में ही जेलर प्रमोद कुमार को जान से मारने की साजिश रच डाली थी.अमन ने जेल में बंद लोकी दास की मदद से जेल में ही लूट मामले में बंद आशीष कुमार साह और मंजेश को जेल से बाहर निकलने पर जेलर को जान से मारने का जिम्मा सौंपा था. आशीष 12 जुलाई 2022 को जमानत पर जेल से बाहर आया था, जबकि मंजेश एक सप्ताह पूर्व ही जमानत पर छूट चुका था. मंजेश को इस काम के लिए उसके बैंक अकाउंट में 50 हजार एडवांस दिया गया था. अमन के ही आदमी ने दोनों को 15 जुलाई 2022 को धनबाद में गोली उपलब्ध करायी थी. इसके बाद 20 जुलाई 2022 को तत्कालीन जेल अधीक्षक अनिमेष कुमार चौधरी के वाहन पर सवार तत्कालीन जेलर प्रमोद पर फायरिंग की गयी थी. [wpse_comments_template]