अमित शाह ने कहा, ममता मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर का विरोध कर रही हैं


Kolkata :  गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हल्ला बोला. कहा कि वो मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर और वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध कर रही हैं. इस क्रम में मुर्शिदाबाद दंगे राज्य प्रायोजित करार दिया.

 


अमित शाह यहां रविवार ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने आगामी  विधानसभा चुनावों में टीएमसी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में बनर्जी का कार्यकाल 2026 में समाप्त होने वाला है. 

 


 श्री शाह ने कहा कि  ममता बनर्जी ऑपरेशन सिंदूर का विरोध कर देश की माताओं और बहनों का अपमान कर रही हैं. कहा कि मैं बंगाल की महिलाओं से अपील करने आया हूं कि वे आगामी विधानसभा चुनावों में ऑपरेशन सिंदूर का विरोध करने वालों को सिंदूर की कीमत समझा दें

 


बता दें कि ममता बनर्जी ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पर सिंदूर ऑपरेशन के बाद राजनीतिक लाभ के लिए फायदा उठाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. सैन्य अभियान के लिए सिंदूर  नाम पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि इसमें राजनीति की बू आ रही है. 

 

 
अमित शाह ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठा रहे हैं, इससे ममता दीदी को  परेशानी है. वोट बैंक के लिए ममता दीदी ने नैतिकपतन की सारी हदें पार कर दी हैं.  

 


शाह ने  कहा, जब पहलगाम में बंगाल के पर्यटकों को उनके धर्म के कारण मारा गया था, तब ममता  बनर्जी चुप रहीं. लेकिन अब उन्हें ऑपरेशन सिंदूर से परेशानी हो रही है 

 


शाह ने अप्रैल में मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर  तृणमूल नेताओं पर हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया. कहा कि  “केंद्रीय गृह मंत्रालय दंगों के दौरान बीएसएफ की तैनाती पर जोर दिया.  

 

लेकिन टीएमसी सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया कहा कि अगर यहां बीएसएफ तैनात की जाती तो हिंदुओं की रक्षा होती.

 


शाह यही नहीं रुके. ममता पर बंगाल को घुसपैठ, भ्रष्टाचार, महिलाओं के खिलाफ अपराध, बम विस्फोट और हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार का अड्डा बना देने का आरोप लगाया.

 


केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, उन्होंने कहा, बंगाल चुनाव राष्ट्रीय सुरक्षा से  जुड़ा है, क्योंकि ममता बनर्जी बंगाल की सीमाओं को बांग्लादेशियों के लिए खुला रखती हैं. भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ही इसे समाप्त कर सकती है. बंगाल चुनाव राज्य का भविष्य तय करेगा.