अररिया : पत्रकार हत्याकांड में आठ बनाये गये आरोपी, चार पुलिस की गिरफ्त में, दो जेल में, दो फरार

Araria : बिहार के अररिया जिले में बीते 18 अगस्त को अपराधियों ने पत्रकार विमल कुमार यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में शामिल चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपियों में विपिन यादव, भावेश यादव, आशीष यादव और उमेश यादव शामिल हैं. एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि इस मामले में 8 लोगों को आरोपी बनाया है. इनमें 2 आरोपी रूपेश यादव और क्रांति यादव अररिया जेल में हैं. पुलिस दोनों को रिमांड पर ले रही है. वहीं दो आरोपी फरार हैं. जल्द दोनों पुलिस की गिरफ्त में होंगे. (पढ़ें, कमर्शियल">https://lagatar.in/pilot-killed-in-commercial-flight-co-pilot-made-emergency-landing/">कमर्शियल

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3-4 दिन पहले ही विमल ने लगाई थी सुरक्षा की गुहार

इधर विमल के पिता का कहना है कि उनके बेटे ने पुलिस को बताया था कि उसकी जान को खतरा है. विमल ने 3-4 दिन पहले ही पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगायी थी. इससे पहले पूर्णिया के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुरेश प्रसाद चौधरी ने बताया था कि विमल हत्याकांड में कुछ लोगों को हिरासत में लिया है.. चार टीमें अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही हैं. कहा कि मामले में कड़ी कार्रवाई की जायेगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो.

नींद से जगाकर विमल के सीने को गोलियों से छलनी किया

बता दें कि 18 अगस्त शुक्रवार अहले सुबह बाइक पर सवार होकर अपराधी आये और विमल कुमार यादव के घर का दरवाजा खटखटाया. विमल ने जैसे ही दरवाजा खोला हमलावरों ने गोलीबारी शुरू कर दी. सीने में गोली लगने की वजह से उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. आनन-फानन में परिजनों ने घायल विमल सिंह यादव को रानीगंज रेफरल अस्पताल ले गये. जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया. बताया जा रहा है कि साल 2019 में विमल कुमार के भाई की भी हत्या की गयी थी. अपने भाई के मर्डर केस में वह इकलौता गवाह था.  अपराधियों ने इसी वजह से विमल की भी हत्या कर दी. हालांकि पुलिस की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि विमल की पड़ोसियों के साथ पुरानी दुश्मनी हत्या का कारण हो सकता है. हालांकि पुलिस सभी एंगलों की जांच कर रही है. जांच पूरी होने के बाद ही हत्या के सही कारणों का पता चल पायेगा. इसे भी पढ़ें : पलामू">https://lagatar.in/palamu-the-matter-of-giving-arms-license-from-back-date-during-the-tenure-of-former-dc-is-catching-up/">पलामू

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