Ranchi: एयरपोर्ट के पास स्थित पोखरटोली, खोखमाटोली और अन्य विस्थापित गांवों के ग्रामीण और सेना एक बार फिर आमने-सामने हो सकते हैं. दरअसल यह विवाद एक सड़क को सैन्य बलों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में शामिल करने के बाद हो रहा है. सेना की इस कार्रवाई पर विस्थापित ग्रामीण गोलबंद हो रहे हैं. ग्रामीणों के अनुसार वे जल्द ही इस मामले को लेकर जिला प्रशासन और स्थानीय थाना में शिकायत करेंगे. फिलहाल वे अन्य गांव के ग्रामीणों के साथ बैठक कर आंदोलन के लिए एकजुट हो रहे हैं. इसे लेकर एक बैठक भी बुलाई जाएगी.
बताया जाता है कि एयरपोर्ट रोड स्थित स्टेट हैंगर के सामने से डोरंडा हाईकोर्ट चौक से जाने वाली यह सड़क इन ग्रामीणों के लिए आवाजाही का मुख्य मार्ग है. इस मार्ग का उपयोग वीवीआईपी दौरे के दौरान जिला प्रशासन वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग करती रही है. राष्ट्रपति दौरे के दौरान भी इस मार्ग का उपयोग किया गया था.
इस मार्ग को लेकर सेना और ग्रामीणों के बीच वर्ष 2017 में भी संघर्ष हो चुका है. यह घटना कई बार हो चुकी है. हर बार जिला प्रशासन को हस्तक्षेप कर मामला सुलझाना पड़ा है. इस मामले में जिला प्रशासन ने सेना से जमीन के कागजात भी मांगे थे जो सैन्य अधिकारी नहीं दे सके थे. इसके बाद सेना ने इस सड़क पर होने वाले काम को स्थगित कर दिया था.
प्रशासन ने किया था हस्तक्षेप
तीन साल पूर्व सेना ने एक अन्य गांव हुंडरू के मुख्य सड़क पर कब्जा कर लिया था. जिस पर काफी हंगामा हुआ था. ग्रामीण आक्रोशित होकर सेना के खिलाफ खड़े हो गए थे. बड़ी मुश्किल से जिला प्रशासन के हस्तक्षेप से स्थिति पर काबू पाया जा सका था. प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद सेना को अपना काम स्थगित कर पीछे हटना पड़ा था.
नाराज हैं ग्रामीण
इस मामले में पूर्व पार्षद अजीत उरांव ने कहा कि ग्रामीण डोरंडा एयरपोर्ट वाया मिलन चौक वाले रास्ते पर सेना के काम से काफी नाराज हैं. आसपास के सभी गांवों में इसे लेकर बैठक हो रही है. जल्द ही इसके खिलाफ जिला प्रशासन के अधिकारियों और स्थानीय थाना में शिकायत की जाएगी. यदि सेना इसके बाद भी अपने रुख से पीछे नहीं हटती है, तो ग्रामीण इसके लिए आंदोलन का रास्ता चुनने के लिए बाध्य होंगे. यहां सेना अन्य गांवों के रास्तों पर अपना हक जताती रही है. लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ी है. प्रशासन ने भी उसे कई बार चेताया है. फिर भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा.