- मरांडी का काला धन इसी कंपनी में निवेश होता है
- झामुमो और कांग्रेस का बाबूलाल और ईडी पर हमला
- कहा- ईडी जमीन जांच का दायर बढ़ाए, केंद्र की टूल की तरह गैर भाजपाई सरकार और नेताओं को परेशान नहीं करे
- जल्द ही बाबूलाल मरांडी के कारनामों को ईडी को सौंपा जाएगा, कार्रवाई नहीं हुई तो छत्तीसगढ़ की तर्ज पर यहां भी होगा ईडी का विरोध
- अपने शासनकाल के काले कारनामों को हमारी सरकार के साथ जोड़कर सरकार की छवि खराब करना चाहती है भाजपा
- डॉ रामेश्वर उरांव मंत्री के साथ कानून के भी जानकार हैं, बिना सम्मन और नोटिस के उनके घर पहुंच जाना सरकार की छवि को खराब करना
- एक-एक कर अब बाबूलाल और भाजपा नेताओं के काले कारनामों को सबूतों के साथ उजगार किया जाएगा
जेल जाने से बचने के लिए भाजपा में शामिल हुए मरांडी
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, मरांडी कहते हैं कि वे कुतुबमीनार से कूद गए थे, भाजपा ने उन्हें बचा लिया. मगर सच यह है कि बाबूलाल जेल जाने से बचने के लिए भाजपा में शामिल हुए. अब मरांडी भाजपा में अपनी छवि को साफ-सुथरा करने के लिए हर दिन अनाप-शनाप बोल रहे हैं. अगर ईडी सचमुच में जमीन घोटाले की जांच कर रही है या निष्पक्ष जांच करना चाहती है, तो अपना दायरा बढ़ाए और केंद्र सरकार का टूल बनने से बचे. नहीं तो छत्तीसगढ़ की तरह यहां भी ईडी का जनप्रतिरोध होगा. आगे हमलोग और कागजात व सबूतों को सिलसिलेवार ढंग से प्रस्तुत करते हुए सामने आएंगे.समन देना छवि खराब करने की सोची-समझी रणनीति
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, जैसे ही कोरोना खत्म हुआ, सरकार अपने काम पर लग गयी. जब सरकार ने जनता का काम करना शुरू किया और इसका फायदा लोगों को मिलने लगा, तो एक विकासशील सरकार की छवि खराब करने और सरकार को अस्थिर करने का काम शुरू कर दिया गया. जब सरकार गिराने में भाजपा सफल नहीं हुई, तो केंद्रीय जांच एजेंसियों को सरकार की छवि खराब कराने में लगा दिया. अगर मुख्यमंत्री से कुछ पूछना है तो बहुत सारे माध्यम हैं. जानकारी ली जा सकती थी. मगर सीएम को समन करने का सीधा मतलब है कि सरकार की छवि को देश और मीडिया के समक्ष खराब करना. यह अब राज्य और देश की जनता समझ रही है. केंद्र सरकार विपक्षी एकता से घबरा गयी है. इसलिए छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के यहां भी ईडी का रेड पड़ा. क्योंकि वहां जल्द ही चुनाव होने वाले हैं. मगर वहां पर ईडी को जन विरोध का सामना करना पड़ा है.वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की छवि खराब करने की कोशिश
सुप्रियो भट्टाचार्य और कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि करीब आधे दिन तक मीडिया में यह खबर चलती रही कि वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के यहां ईडी का छापा पड़ा. अचरज की बात है कि अगर उनके बेटे का कोई संबंध था और उससे पूछना था, तो कई और तरीके हो सकते थे. मगर सीधे मंत्री के यहां बिना समन और नोटिस के पहुंच जाना सीधे तौर पर उनकी छवि को खराब करने जैसा था. पूरा देश और राज्य जानता है कि वह पुलिस सेवा के आला अफसर रहे हैं, मैनुअल और नियम वह अच्छी तरह जानते हैं. संविधान समिति के अध्यक्ष रहे, पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे हैं. मगर ऐसे साफ छवि वाले नेता-मंत्री को बदनाम करने का प्रयास भाजपा ने ईडी के माध्यम से किया....तो छत्तीसगढ़ की तर्ज पर यहां भी ईडी का जन प्रतिरोध होगा
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अगर ईडी या अन्य जांच एजेंसियां भाजपा का टूल बनकर काम करती रही. गैर भाजपाई सरकार को इसी तरह तंग करती रही, तो आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर यहां भी ईडी का विरोध होगा. क्योंकि जनता द्वारा चुनी गयी सरकार को इस तरह से केंद्र सरकार और भाजपा परेशान नहीं कर सकती है. देश में कायदा -कानून है, जिसे सभी जानते हैं. भाजपा अपने शासनकाल के काले कारनामों को इस सरकार से जोड़कर छवि खराब करने पर तुली है.सुदेश महतो किस मुंह से डुमरी में प्रचार कर रहे हैं
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जिसने अपने कार्यकाल में ओबीसी का आरक्षण घटाकर आधा कर दिया. 1985 की स्थानीय नीति का समर्थन करने वाली आजसू पार्टी और उसके नेता सुदेश महतो किस मुंह से डुमरी में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इन सब बातों का जवाब आने वाले दिनों में उन्हें डुमरी और राज्य की जनता को देना होगा. वे भाजपा के समर्थन से चुनाव लड़ रहे हैं. इसलिए राज्य की जनता के सवालों से वे बच नहीं सकते हैं. इसे भी पढ़ें – सेक्रेड">https://lagatar.in/sacred-heart-schools-aaradhya-on-ventilator-support-multiple-fractures-in-body-condition-critical/">सेक्रेडहार्ट स्कूल की आराध्या वेंटिलेटर सपोर्ट पर, बॉडी में मल्टीपल फ्रैक्चर, स्थिती गंभीर [wpse_comments_template]