बाबूलाल ने CM चंपाई को पत्र लिख कहा – ED रेड में मुख्य सचिव का पत्र मिलना गंभीर

Ranchi : बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को पत्र लिखा है. पत्र में कहा है कि ईडी रेड के दौरान ईडी कार्यालय द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र की प्रति मिलना एक गंभीर मामला है. इस पर बिना देर किए प्राथमिकी दर्ज कराते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की अनुशंसा करें. अन्यथा यह माना जाएगा कि भ्रष्टाचार के इस गंभीर मामले में आप चुप रहे और यह सब कुकृत्य देखते रहे. झारखंड की जनता भी आपसे यह सवाल पूछेगी. अगर आप और मुख्य सचिव यह सब जानने और संज्ञान में आने के बाद भी उपरोक्त कार्रवाई के अनुरोध पर कार्रवाई नहीं करेंगे तो देर-सबेर आप भी इस गंभीर मामले में आपराधिक षड्यंत्र का आरोपी बनने से बच नहीं पायेंगे. इसे भी पढ़ें - दिल्ली">https://lagatar.in/delhi-liquor-scam-without-giving-verdict-sc-bench-adjourned-in-kejriwals-bail-case-hearing-possible-on-thursday/">दिल्ली

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देशभर में हो रही है चर्चा

मरांडी ने पत्र में लिखा है कि देशभर में नोट के बंडल के साथ मुख्य सचिव का पत्र मिलने की चर्चा हो रही है. झारखंड सरकार भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है. मुझे विश्वास है कि आप भी यह देखकर आश्चर्य चकित होंगे. आगे लिखा है कि प्रवर्तन निदेशालय, रांची द्वारा दिनांक 8 मई 2023 को मुख्य सचिव, झारखंड को पत्र लिखा जाता है और दूसरे दिन 9 मई को मुख्य सचिव द्वारा ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को कार्रवाई का आदेश दिया जाता है. आश्चर्य है कि सचिव ने इस संवेदनशील मामले में कार्रवाई करने में कोई रूचि नहीं दिखाई. गंभीर मामला यह भी है कि ईडी द्वारा लिखा गया गोपनीय पत्र मंत्री के निजी सचिव के कर्मचारी जहांगीर आलम के घर से ईडी की छापेमारी में नोटों के बंडल में मिलता है. जिस पत्र के आधार पर सचिव को भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करनी थी, इसे ही दबाकर भ्रष्टाचार के जरिए अकूत सम्पत्ति अर्जित करने का धंधा चलता रहा. एक तो भ्रष्टाचार करना और दूसरी ओर गोपनीय पत्र नौकर के आवास में नोटों के बंडल में मिलना अति गंभीर मामला है.

पत्र के जरिए ये उठाए सवाल

बाबूलाल मरांडी ने सवाल उठाते हुए सीएम से पूछा है कि आखिर यह गोपनीय पत्र मंत्री के निजी सचिव के आवास में कैसे पहुंचा. इसमें किस पदाधिकारी की भूमिका है. जांच कराना आवश्यक है. साथ ही इस पत्र के संज्ञान पर भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होनी थी, उन्हें बचाया गया, इस षड्यंत्र में किसकी-किसकी भूमिका है? झारखंड की जनता को इसे जानने का अधिकार है. मुझे उम्मीद है कि आप इस मामले को गंभीरता से लेंगे. इसे भी पढ़ें -2014">https://lagatar.in/lies-are-being-cultivated-in-the-entire-country-since-2014-champai-soren/">2014

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