सदन में बोले बन्ना गुप्ता- पारासीटामोल खाकर करोड़पति बनने वालों की है लिस्ट, जांच होगी

Ranchi: झारखंड विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग का 56 अरब 58 करोड़ का अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित हो गया. अनुदान मांग पर बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए सरकार काम कर रही है, लेकिन सरकार बनते ही कोरोना आ गया. उस दौरान केंद्र ने फेडरल सिस्टम को तोड़ते हुए झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार किया. अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव के दौरान बीजेपी की ओर से हुए हमलों का जवाब देते हुए उन्होंने विधायक भानू प्रताप शाही पर पलटवार किया. कहा कि भानू पर दवा घोटाला का मामला चल रहा है. बन्ना ने कहा कि जिस तरह होम्योपैथ में किसी भी बीमारी के लिए 3-3 गोली दिया जाता है और उससे ठीक नहीं होने पर ऑपरेशन किया जाता है वैसे ही अगर सरकार को जरूरत पड़ी तो स्वास्थ्य विभाग पुरानी गड़बड़ियों का ऑपरेशन होगा. कहां-कहां पारासीटामोल खाकर लोग करोड़पति बने हैं सबकी पूरी जांच होगी. इसे भी पढ़ें-झामुमो-">https://lagatar.in/jmm-congress-was-in-competition-for-the-politics-of-appeasement-it-would-have-been-better-there-would-have-been-competition-for-development-deepak-prakash/">झामुमो-

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मां से ज्यादा मौसी के पेट में दर्द

कटौती प्रस्ताव के दौरान अनंत ओझा ने कई बार बन्ना गुप्ता पर हमला करते हुए कहा था कि बन्ना को यह दर्द है कि मांझी ही उनकी नाव डुबाने वाला है, लेकिन राज्य की जनता का दर्द तो उन्हें ही बांटना है. इसपर बन्ना ने कहा कि मां से ज्यादा मौसी के पेट में दर्द हो रहा है.

वैक्सीन वेस्टेज पर बीजेपी वाले कर रहे गुमराह

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बीजेपी वालों ने कहा है कि झारखंड में 37 प्रतिशत वैक्सीन का वेस्टेज हुआ है. जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री के मुताबिक यूपी, बिहार, मनिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में ज्यादा वेस्टेज रेट है. उन्होंने कहा कि देश का वेस्टेज रेट 6.3 है, जबकि झारखंड का 3 वेस्टेज 3 प्रतिशत है. इसे भी पढ़ें-प्रवीणचंद्र">https://lagatar.in/how-praveenchandra-mishra-became-senior-consultant-officer-male-mla-raised-question-in-the-house/">प्रवीणचंद्र

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रिम्स का बोझ घटाने के लिए अपग्रेड किये जा रहे जिला अस्पताल

बन्ना गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में मैन पावर की कमी है जिसे दूर करने की कोशिश की जा रही है. रिम्स का ओवरलोड घटाने के लिए कई जिलों के अस्पतालों में 10 से 15 करोड़ रुपये खर्च कर उन्हें अपग्रेड किया जा रहा है. धीरे-धीरे आउटसोर्सिंग को खत्म करने का काम किया जा रहा है. [wpse_comments_template]