सिद्धारमैया ने बानू मुश्ताक को दी बधाई कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बानू मुश्ताक को उनके कन्नड़ लघु कथा संग्रह के लिए अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने पर बधाई दी और कहा कि उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कन्नड़ की महानता का झंडा बुलंद किया है. इसे भी पढ़ें : नियुक्ति">https://lagatar.in/policy-changes-made-before-appointment-cannot-be-challenged-high-court/">नियुक्ति
से पहले हुए नीतिगत बदलावों को चुनौती नहीं दी जा सकती : हाईकोर्ट छह वैश्विक पुस्तकों में शामिल होकर जीता सम्मान मुश्ताक की लेखनी को निर्णायक मंडल ने गंभीर सामाजिक विषयों को मार्मिक, व्यंग्यात्मक और सजीव शैली में प्रस्तुत करने के लिए सराहा. ‘हार्ट लैंप’ में बुनी गई कहानियां परिवार, समाज और आत्म-संघर्ष के बीच के महीन धागों को बेहद संवेदी दृष्टिकोण से उजागर करती हैं.
हर कहानी मायने रखती है : मुश्ताक मुश्ताक ने कहा कि यह पुस्तक इस विश्वास से जन्मी है कि कोई भी कहानी कभी छोटी नहीं होती. मानव अनुभव के ताने-बाने में हर धागा अपना पूरा वजन रखता है. एक ऐसी दुनिया में, जो जो अक्सर हमें विभाजित करने की कोशिश करती है, साहित्य एक खोया हुआ पवित्र स्थान है, जहां हम एक-दूसरे के मन में रह सकते हैं, भले ही कुछ पन्नों के लिए ही क्यों न हो. मुश्ताक ने इस उपलब्धि को विविधता और भाषाई समावेशिता की जीत बताया. उनके अनुसार, क्षेत्रीय भाषाओं की अभिव्यक्ति और भावनात्मक गहराई को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाना साहित्य की सबसे सुंदर उपलब्धियों में से एक है.53 लाख दी जाती है प्राइज मनी अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के तहत 53 लाख की राशि प्रदान की जाती है, जिसे लेखक और अनुवादक बराबर रूप से साझा करते हैं. यह पुरस्कार अनुवादित साहित्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिया जाता है और विश्व साहित्य में अनूठे योगदान को सम्मानित करता है. `हार्ट लैंप` की यह ऐतिहासिक सफलता न सिर्फ बानू मुश्ताक की लेखनी की जीत है, बल्कि कन्नड़ भाषा और भारतीय साहित्य की वैश्विक पहचान का भी प्रतीक बन गई है. इसे भी पढ़ें : पलामू">https://lagatar.in/palamu-tspcs-top-commander-gautam-yadav-arrested-from-banaras/">पलामू
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