मौत के आंकड़े छुपाती सरकारें: बिहार सरकार ने कहा- बक्सर में 6 मरे, आयुक्त ने कहा 789

Buxar : कोरोना से मौत के आंकड़ों को सरकारें कैसे मैनेज कर रही हैं, कम करके दिखा रही हैं. इसका ताजा उदाहरण पड़ोस के बिहार में सामने आया है. सरकार ने हाईकोर्ट को दी गयी जानकारी में बताया कि बक्सर जिला में कोरोना से छह लोगों की मौत हुई है. लेकिन प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट में कोर्ट को बताया गया कि 5 से 14 मई के बीच बक्सर जिला में 789 लाशें जलायी गयी थी.

हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि सरकार यह बताये कि कौन सी रिपोर्ट सही है. सरकार की तरफ से मुख्य सचिव द्वारा सौंपी गयी रिपोर्ट या प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट. यह चौंकाने वाली बात है कि जब सिर्फ छह लोगों की मौत हुई है, तो 789 शव कैसे जलाये गये.

झारखंड समेत दूसरे राज्य सरकारें भी छिपा रही हैं आंकड़ा

कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़े छुपाने का काम सिर्फ बिहार में ही नहीं हो रहा है. यह काम तरकीबन हर राज्य में हो रहा है. पिछले दिनों लगातार.इन">https://lagatar.in/">लगातार.इन

ने गोमिया से एक ग्राउंड रिपोर्ट प्रकाशित किया था. ग्रामीणों ने साफ तौर पर बताया था कि 80 लोगों की मौत हुई है. जबकि प्रशासन द्वारा कोरोना से मौत का आंकड़ा महज दर्जन भर बताया गया था. इसी तरह यूपी में भी कोरोना से मौत का आंकड़ा बहुत कम बताया जा रहा है. जबकि असलियत यह है कि हर दिन सैंकड़ों लोग मर रहे हैं. गंगा नदी में करीब 2000 शव मिलने के बाद इस बात की पुष्टि हुई कि कोरोना से मरने वालों की संख्या सरकारी आंकड़ों से कई गुणा ज्यादा है.

गुजरात में 71 दिन में मरे 1.24 लोग

पिछले दिनों गुजराती दैनिक दिव्य भाष्कर ने एक सनसनीखेज रिपोर्ट प्रकाशित किया था. रिपोर्ट में 71 दिन के भीतर 1.24 लाख लोगों की मौत का आंकड़ा दिया गया था. जबकि सरकारी आंकड़ा महजर कुछ हजार बताये जा रहे हैं. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया था कि पिछले साल इन्हीं 71 दिनों में गुजरात में करीब 53 हजार लोगों की मौत हुई थी. इस तरह इस साल 71 दिन में करीब 70 हजार लोगों की मौत सिर्फ गुजरात में कोरोना से हुई है.