ने टावरों को नुकसान पहुंचाने के लिए किसानों को उकसाने का Jio का आरोप नकारा
पिछले साल केंद्र ने DA रोका था, इस साल क्या होगा?
पिछले साल केंद्र ने DA रोका था. तो क्या इस साल सैलरी भी रुकेगी? राज्यों को टैक्स का हस्तांतरण रुका हुआ है. बीते साल राज्यों को 3.34 लाख देने में ही सरकार की सांसें फूल गयीं. उसने राज्यों को कर्ज़ का कटोरा थमा दिया है. अब यह कर्ज़ भी गले तक आ चुका है. महालेखा नियंत्रक के गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मोदी सरकार ने बजट अनुमान का 63% खर्च कर दिया है. इसमें से लगभग 6 लाख करोड़ ब्याज़ और सब्सिडी के रूप में हैं. इसे भी पढ़ें : किसान">https://lagatar.in/if-government-does-not-listen-to-the-farmer-organizations-then-on-the-republic-day-they-will-take-out-a-tractor-parade/14665/">किसानसंगठनों का एलान, चार को सरकार ने बात नहीं मानी, तो गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे
बजट सरकार की नासमझी और वित्तीय कुप्रबंध की भेंट चढ़ने वाला है!
मोदी सरकार का पिछला बजट कोविड ने फेल किया था. अगला बजट सरकार की नासमझी और वित्तीय कुप्रबंध की भेंट चढ़ने वाला है. इसका सबसे बुरा असर गरीब, कमज़ोर और वंचित तबकों पर पड़ने वाला है.इसमें हैरत नहीं होनी चाहिए कि फंड की कमी से ढेर सारी जनकल्याण योजनाएं बंद हो जाएं. बीते करीब 10 महीने से स्कूल, आंगनबाड़ी सब बंद है. सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं का बजट अगर दूसरी मदों में भी लगा दें, तो भी 14 लाख करोड़ के घाटे की भरपाई नहीं हो पाएगी.मोदी सरकार को किसी भी सूरत में सामाजिक क्षेत्र में खर्च बढ़ाना ही होगा. सवाल यह है कि इसके लिए पैसा कहां से आएगा? इसे भी पढ़ें : भारत">https://lagatar.in/indias-exports-fall-for-the-third-consecutive-month-exports-down-point-8-percent-in-december/14594/">भारतके निर्यात में लगातार तीसरे महीने गिरावट, दिसंबर में 0.8 प्रतिशत घटा निर्यात