इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा कैफोर्ड हाउस, बदल जाएगा स्वरूप, CM ने रखी आधारशिला

Ravi Bharti Ranchi: अब कैफोर्ड हाउस इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा. कैफोर्ड हाउस झारखंड के मुख्यमंत्री का आवास है, जिसका एक लंबा इतिहास है. इस आवास की नींव 1853 में बंगाल के लेफ्टिनेंट गर्वनर के प्रिंसिपल एजेंट कमिश्नर एलियन ने रखी थी. बाद में कैफोर्ड ने इस आवास को पूरा करवाया और इसका नाम कैफोर्ड हाउस पड़ गया.
इस आवास से जुड़े हैं कई मिथक
कैफोर्ड हाउस को लेकर कई मिथक प्रचलित हैं. ऐसा माना जाता है कि इस आवास में जो कोई मुख्यमंत्री रहा उसने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया. इस मिथक के कारण कई मुख्यमंत्रियों ने इस आवास में रहने से परहेज किया.
क्यों माना जाता है कैफोर्ड हाउस अशुभ
कैफोर्ड हाउस को लेकर एक मिथक प्रचलित है कि इस आवास में रहने वाले मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाते हैं. इस मिथक के कारण कई मुख्यमंत्रियों ने इस आवास में रहने से परहेज किया. बिहार से झारखंड अलग होने के बाद कई मुख्यमंत्री बने, लेकिन कोई भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका. जिसमें बाबूलाल मरांडी,अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन और मधु कोड़ा के नाम शामिल हैं.
क्या हेमंत सोरेन तोड़ पाएंगे इस मिथक को?
हेमंत सोरेन ने 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर इस आवास में नहीं रहने का फैसला किया था. अब देखना होगा कि क्या वह इस मिथक को तोड़ पाएंगे या नहीं. अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मिथक को तोड़ने का फैसला किया है. उन्होंने नए मुख्यमंत्री आवास की आधारशिला रखी है, जिसमें कई अत्याधुनिक सुविधाएं और बैठक के लिए हाईटेक इंतजाम होंगे.
रघुवर दास ने की थी मिथक तोड़ने की कोशिश
2014 में रघुवर दास झारखंड के मुख्यमंत्री बने और उन्होंने कैफोर्ड हाउस के मिथक को तोड़ने की कोशिश की. उन्होंने उस वक्त कहा था कि वह इन सब बातों पर यकीन नहीं करते और उन्होंने इस आवास में कुछ वास्तु बदलाव किए.
क्या बदलाव किए रघुवर दास ने
रघुवर दास ने कांके रोड वाले गेट से आने-जाने की जगह मोरहाबादी वाले गेट का इस्तेमाल किया. उन्होंने अपना कार्यकाल जरूर पूरा किया. लेकिन दूसरी बार वह मुख्यमंत्री नहीं बन सके. रघुवर दास की कोशिश से यह नहीं कहा जा सकता है कि मिथक पूरी तरह से टूट गया. उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया, लेकिन दूसरी बार मुख्यमंत्री नहीं बन सके.
क्या होंगी नए आवास की खासियत
- हैलीपैड: आवास में हैलीपैड की सुविधा होगी, जिससे मुख्यमंत्री को आने-जाने में आसानी होगी. - कॉन्फ्रेंस हॉल: बड़े-बड़े कॉन्फ्रेंस हॉल और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम होंगे, जिससे मुख्यमंत्री बैठकें कर सकेंगे. - पार्किंग और गार्डन: आवास में पार्किंग के लिए उचित व्यवस्था और गार्डन भी होगा. इसे भी पढ़ें -अगले">https://lagatar.in/there-is-a-possibility-of-rain-in-many-districts-including-ranchi-in-the-next-few-hours/">अगले

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