कैग रिर्पोट में खुलासा- चिकित्सा अधिकारियों, स्टाफ नर्सों व पैरामेडिक्स की भारी कमी, कोविड-19 प्रबंधन के लिए 756.42 करोड़ राशि का उपयोग नहीं

Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कैग की रिर्पोट सदन में रखा में. रिर्पोट में झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों को उजागर किया गया है. रिपोर्ट में पाया गया है कि राज्य में चिकित्सा अधिकारियों, स्टाफ नर्सों और पैरामेडिक्स की कमी है, जो स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है. इसे भी पढ़ें -बजट">https://lagatar.in/budget-session-cms-target-on-opposition-bullying-will-not-work-sunset-is-over-bjps-walk-out-house-adjourned/">बजट

सत्रः CM का विपक्ष पर निशाना – दबंगई नहीं चलेगी, हो गया है सूर्यास्त, BJP का वॉक आउट, सदन स्थगित

मानव संसाधन में कमियां

रिपोर्ट में पाया गया है कि राज्य में चिकित्सा अधिकारियों की कमी 21 से 80 प्रतिशत के बीच है, जबकि स्टाफ नर्सों और पैरामेडिक्स की कमी क्रमशः 14 से 76 प्रतिशत और 50 से 100 प्रतिशत के बीच है. इसके अलावा राज्य के छह चिकित्सा महाविद्यालयों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की रिक्तियां क्रमशः 48 और 45 प्रतिशत हैं.

स्वास्थ्य सेवाओं में कमियां

रिपोर्ट में पाया गया है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में कमियां हैं. नमूना-जॉचित जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी निर्धारित बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाएं उपलब्ध नहीं थीं. इसके अलावा नमूना-जॉचित अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर और इंटेंसिव केयर यूनिट की कमी थी.

मानव संसाधन में कमियां

रिपोर्ट में पाया गया है कि राज्य में चिकित्सा अधिकारियों की कमी 21 से 80 प्रतिशत के बीच है. जबकि स्टाफ नर्सों और पैरामेडिक्स की कमी क्रमशः 14 से 76 प्रतिशत और 50 से 100 प्रतिशत के बीच है. इसके अलावा, राज्य के छह चिकित्सा महाविद्यालयों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की रिक्तियां क्रमशः 48 और 45 प्रतिशत हैं.

756.42 करोड़ की राशि का उपयोग नहीं

रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि झारखंड सरकार ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं. राज्य सरकार ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए 756.42 करोड़ की राशि का उपयोग नहीं किया है, जिसमें से 291.87 करोड़ भारत सरकार का हिस्सा है और 145.10 करोड़ राज्य का हिस्सा है. रिपोर्ट में पाया गया है कि राज्य में कोविड-19 दवाओं का बफर भंडार प्रबंधन कमजोर है. आठ दवाओं के आकलन के विरुद्ध दो दवाएं राज्य में उपलब्ध नहीं थी और चार दवाएं भी 37 से 85 प्रतिशत तक कम थीं.

दवाइयों, औषधियों, उपकरणों की कमी

रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि राज्य में दवाइयों, औषधियों, उपकरणों और अन्य उपभोग्य सामग्रियों की उपलब्धता में कमियां हैं. नमूना-जांचित जिला अस्पतालों में आवश्यक दवाइयों की कमी 66 से 94 प्रतिशत के बीच थी. जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में यह कमी 15 से 100 प्रतिशत के बीच थी. राज्य में स्वास्थ्य अवसंरचना कमजोर है. कई स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में भवनों की कमी है और कई भवन जीर्ण-शीर्ण स्थिति में हैं.

वित्तीय प्रबंधन भी कमजोर

रिपोर्ट में पाया गया है कि राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए वित्तीय प्रबंधन कमजोर है. राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटित निधियों का उपयोग पूरी तरह से नहीं किया गया है और कई योजनाओं में विलंब हुआ है.

क्या की गई हैं सिफारिशें

- राज्य सरकार को स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों और नर्सों की भर्ती करनी चाहिए. - स्वास्थ्य सेवाओं में आवश्यक दवाओं और उपकरणों की व्यवस्था करनी चाहिए. - राज्य सरकार को स्वास्थ्य विभाग में प्रबंधन में सुधार करना चाहिए. - स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना चाहिए. क्या की गई हैं अनुशंसाएं - राज्य सरकार को शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए. - राज्य सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए कदम उठाने चाहिए. - राज्य सरकार को ऑपरेशन थिएटर और इंटेंसिव केयर यूनिट की सुविधा को बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए. इसे भी पढ़ें -CBI">https://lagatar.in/cbi-seeks-warrant-against-jpsc-scam-accused/">CBI

ने JPSC घोटाले के आरोपियों के विरुद्ध मांगा वारंट