Vineet Kumar
गर्व कीजिए ये इसी हिन्दुस्तान की स्त्रियां हैं ! क्या कोई डोनर ब्रेस्ट मिल्क(स्तनपान) दे सकती है? असल में दिल्ली में एक दिन का नवजात शिशु है, जिसकी मां की कोरोना से मौत हो गयी और वो अब इस दुनिया में नहीं है.
तीन मई को ट्विटर पर दि प्रिंट की पत्रकार मनीषा मंडल ने एक ट्वीट किया. उन्होंने नवजात के लिए लोगों से मदद मांगी और लिखा. क्या कोई डोनर ब्रेस्ट मिल्क (स्तनपान) दे सकती है. जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिक सफूरा जर्गर ने लिखा- हां, मैं दे सकती हूं.
हालांकि इसके आगे मनीषा ने ट्विटर पर लिखा कि नवजात के लिए ब्रेस्ट मिल्क का इंतज़ाम हो गया है.
जिस समाज में दोस्ती-यारी से लेकर तमाम झगड़े के बीच “तूने मां का दूध पिया है तो..” जैसे वाक्य से ललकारने का काम होता आया है. और किसी न किसी रूप में स्त्री को घसीटने का काम होता रहा है. वहां इन दो पत्रकार-लेखक स्त्रियों का एक अनजान नवजात शिशु के लिए इस तरह की पहल इस पितृसत्तात्मक समाज के तमाम धत्तकर्मों और बनाए खांचे पर भारी पड़ जाती है.
हमारे आसपास के लोग, उनके जीवन के सपने और इरादे तेजी से ध्वस्त हो रहे हैं और उन सबके बीच ऐसे प्रसंग हमें सुकून देते हैं कि मनुष्य अभी हारा नहीं है, छोटे-छोटे प्रयासों से बचाने की कोशिशें जारी हैं.