आलोचना झेल रही केंद्र सरकार ने कहा, वैक्सीन तैयार करने और टेस्टिंग में समय लगता है, यह रातों रात संभव नहीं

NewDelhi : देश में कोरोना  वैक्सीन की कमी टीकाकरण की धीमी गति  पर उठ रहे सवालों पर केंद्र सरकार ने सफाई देते हुए शुक्रवार को कहा कि देश की वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग क्षमता से जुड़ी कोई परेशानी नहीं है, साथ ही कहा कि पूरी आबादी के टीकाकरण के लिए विदेशों से वैक्सीन मंगवाई जा रही है.

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वैक्सीन बायोलॉजिकल प्रोडक्ट है. तैयार करने और टेस्टिंग में समय लगता है

केंद्र सरकार ने कहा कि   वैक्सीन एक बायोलॉजिकल प्रोडक्ट है. इसे तैयार करने और टेस्टिंग में समय लगता है,  यह रातों रात संभव नहीं हो सकता. कहा कि  मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ाने की भी एक प्रक्रिया होती है. केंद्र द्वारा कहा गया है कि वैक्सीनेशन में कोरोना मरीजों के प्रभावी मैनेजमेंट को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से जो कोशिशें की जा रही हैं, उन्हें शुरुआत से ही सपोर्ट किया जा रहा है.

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  दुनियाभर में वैक्सीन की डिमांड ज्यादा है

सरकार की सफाई  है कि कोरोना महामारी का दुनियाभर में असर देखा जा रहा है. सभी देशों में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां और मैन्युफैक्चरिंग क्षमताएं सीमित हैं, लेकिन दुनियाभर में वैक्सीन की मांग काफी ज्यादा है. भारत की आबादी 1.4 अरब है. यह दुनिया की आबादी में अहम हिस्सा है.

 कहा गया कि  देश में जिन दो कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को वैक्सीन बनाने की मंजूरी मिली है, उनकी दिसंबर 2020 तक 1 करोड़ डोज हर महीने उपलब्ध करवाने की क्षमता थी.  यह कैपेसिटी अब और बढ़ाई जा चुकी है. केंद्र ने यह भी कहा है कि वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर दबाव के बावजूद देश में 130 दिनों में 20 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है.  इस मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर  है.

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