केंद्रीय सुरक्षा बल वोटरों को धमका रहे हैं, इस बयान पर ममता बनर्जी को चुनाव आयोग का दूसरा नोटिस

 Kolkata : पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को चुनाव आयोग द्वारा दूसरा नोटिस भेजे जाने की खबर आयी है. बता दें कि पहला नोटिस मुस्लिमों के एकजुट हो जाने वाले बयान पर भेजा गया था. दूसरा  केंद्रीय सुरक्षा बलों पर आरोप लगाये जाने को लेकर भेजा गया है.  जान लें की ममता केंद्रीय सुरक्षा बलों पर बीजेपी की मदद करने और वोटरों को मतदान करने से रोकने का आरोप लगाती रही हैं. ममता के इन आरोपों पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए ममता को नोटिस भेजा है.  

बीएसएफ पर आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है

चुनाव आयोग द्वारा 8 अप्रैल को भेजे गये दूसरे नोटिस में ममता बनर्जी के उन बयानों का जिक्र किया गया है, जिसमें वह केंद्रीय सुरक्षा बलों के रोल पर सवाल उठा रही हैं. थोड़ा पीछे जायें तो टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने 21  मार्च को बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा में तैनात बीएसएफ पर एक पार्टी के पक्ष में ग्रामीणों को धमकाने का आरोप लगाया था.

अर्द्धसैनिकों बलों की चुनाव कराने में अहम भूमिका है

  बीएसएफ पर लगाये गये आरोपों पर चुनाव आयोग ने कहा है कि बीएसएफ पर आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है, बीएसएफ देश ही बेहतरीन फोर्स में से एक है, बीएसएफ पर सवाल उठाना गलत है. चुनाव आयोग ने नोटिस में ममता के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें वो कह रही हैं कि वोटरों को मतदान करने से CRPF रोक रही है.

चुनाव आयोग का कहना कि सीआरपीएफ समेत सभी अर्द्धसैनिकों बलों की चुनाव कराने में अहम भूमिका है, वह कानून व्यवस्था से लेकर निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराते हैं. आयोग ने कहा कि ममता बनर्जी का आरोप दुर्भाग्यपूर्ण है, इससे न केवल चुनाव के दौरान, बल्कि चुनाव के बाद भी केंद्रीय सुरक्षा बलों पर सवाल उठेंगे.

चुनाव आयोग का कहना है कि ममता का बयान चुनाव आचार संहिता के साथ ही आईपीसी की धारा 186, 189 और 505 का उल्लंघन है. ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग ने 10 अप्रैल को दिन में 11 बजे तक जवाब मांगा हैं. आयोग का कहना है कि अगर ममता बनर्जी जवाब नहीं देती हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

इससे पहले ममता बनर्जी को मुस्लिमों वोट न बंटने दें`बयान पर चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा था. इस नोटिस पर ममता ने कहा कि चुनाव आयोग चाहे 10 नोटिस जारी कर दे, वे अपने बयान पर कायम हैं.