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ईचा डैम का रद्द होना सच्ची श्रद्धांजलि - रमाय बिरूली
उनके आंदोलन को याद करते हुए भूतपूर्व सैनिक रमाय बिरूली ने कहा कि उनके सपने को साकार करने और विस्थापितों की रक्षार्थ फिर से उलगुलान करने की जरूरत है. ईचा डैम का रद्द होना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी. 42 साल गुजर जाने के बाद भी डैम का रद्द ना होना दुर्भाग्य है. ग्रामीणों ने दो मिनट का मौन रख कर शहीद को नमन किया. मौके पर भूतपूर्व सैनिक रमाय बिरुली, साहित्यकार डोबरो बुड़ीउली, दियुरी सतीश बुड़ीउली, सुरेंद्र बुड़ीउली, बिर सिंह बिरूली, जय किशन बुड़ीउली, गुलिया कुदादा, गोसा बुड़ीउली, कृष्णा बुड़ीउली,सोना बुड़ीउली, सुकु बुड़ीउली एंव ग्रामीण उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें :बहरागोड़ा">https://lagatar.in/bahragora-classes-started-with-havan-worship-at-saraswati-shishu-vidya-mandir/">बहरागोड़ा: सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में हवन-पूजन के साथ प्रारंभ हुई कक्षाएं [wpse_comments_template]