Chibasa : जल ही जीवन है, ये लाइन गर्मी में बहुत सार्थक होती दिखती है. जब लोगों को पानी की अधिक समस्या होती है. ये सिर्फ महानगर और शहर में ही नहीं होता, अब गांवों में भी पानी की किल्लत से लोगों को परेशानी हो रही है.
गर्मी आते ही पानी का स्तर पहुंचा नीचे
गांवों में भी पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है. पानी का स्तर काफी नीचे चला गया है. अभी तो सिर्फ गर्मी की शुरूआत हुई है. मई और जून में लोगों की समस्या और बढ़ जाती है.
गांव की तस्वीर इस समस्या को दिखाती है. जहां झारखंड में सरकार के द्वारा कई योजना चलायी गयी है. इस योजना में पूरी तरह से पानी की समस्या खत्म होती दिखायी गयी है. लेकिन हकीकत कुछ और ही बंया कर रही है.
गांव में पीने की पानी की हो रही समस्या
एक और सरकार हर नल जल और हर घर नल की बात तो करती है. मगर तस्वीर कुछ और ही सच्चाई बयां करती है. चाईबासा शहर के कोल्हान प्रमंडल का मुख्यालय इसके बीच मोहल्लों में रहने वाली घनी आबादी जो पानी के लिए त्राहिमाम कर रही है मात्र एक हैंड पंप के सहारे एक घनी आबादी अपना जीवन बसर कर रही है.
पेयजल विभाग के द्वारा पाइप लाइन तो बिछाई गई है. मगर उसमें से पानी की बूंद कभी-कभी ही गिरती है. लोगों को पानी के लिए कई मील का सफर भी तय करना पड़ता है. पानी रोजमर्रा की जिंदगी में क्या स्थान रखता है यह किसी से छुपा नहीं है.
एक हैंडपंप के सहारे पूरा गांव
बात अगर चाईबासा शहर के गाड़ी खाना इलाके की करे तो यहां पर लोग पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं. क्योंकि यहां पर सप्लाई नल तो है मगर पानी उसमें कभी-कभी ही आता है. और एक हैंडपंप पर ही पूरा इलाका निर्भर है. वो हैंडपंप भी अब दम तोड़ता दिख रहा है.
सुबह से ही नल के पास लोग लगाते है लाइन
इलाके के लोग अहले सुबह से ही नल के सामने लाइन लगा देते हैं. लोगों की आबादी इतनी है कि कई बार कई परिवार को पानी नहीं मिल पाता है.
हफ्तों नल से नहीं आता पानी
लोगों ने बताया कि कभी-कभी हफ्तों इस नल से पानी नहीं आता है. लोग हैंडपंप का पानी पीने को मजबूर है. और जब वह हैंडपंप भी काम नहीं करता तो दूर-दूर से पानी लाना पड़ता है.