मिलिट्री अभ्यास के नाम पर ताइवान को चेतावनी
बुधवार को भी ताइवान के एयर जोन में चीन के 27 लड़ाकू विमान देखे गए थे. उस कार्रवाई की वजह से ताइवान ने भी अपना मिसाइल सिस्टम एक्टिवेट कर दिया था. अब उस टकराव के बाद गुरुवार को फिर दोनों देश आमने-सामने आ गए हैं. मिलिट्री अभ्यास के नाम पर चीन लगातार ताइवान को चेतावनी दे रहा है, मिसाइलें दाग डराने का काम कर रहा है. इसे भी पढ़ें-इरफान,">https://lagatar.in/congress-mlas-openly-supported-the-decision-of-suspension-of-irfan-rajesh-and-vixal/">इरफान,राजेश और विक्सल के निलंबन के फैसले का कांग्रेस विधायकों ने खुलकर किया समर्थन
ताइवान द्वीप को सभी दिशाओं से घेरने की योजना
जब से अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था, चीन द्वारा धमकियों का दौर शुरू हो गया. अब पेलोसी से ताइवान से चली गई हैं, लेकिन अमेरिका के एंट्री मात्र से दोनों देशों के बीच तकरार काफी बढ़ चुकी है. आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेना 4 से 7 अगस्त तक 6 अलग-अलग क्षेत्रों में भी सैन्य अभ्यास करेगी, जो ताइवान द्वीप को सभी दिशाओं से घेरते हैं. ऐसी स्थिति में पहले से ज्यादा चल रहा तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है.अमेरिका की सुरक्षा गारंटी पर संदेह
वर्तमान में अमेरिका, ताइवान की मदद की बात जरूर कर रहा है, सुरक्षा देने की गारंटी भी दे रहा है. लेकिन जमीन पर जैसी स्थिति चल रही है, उसे देखते हुए ताइवान, अमेरिका पर भी आंख मूंदकर विश्वास नहीं कर सकता है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण रूस-यूक्रेन युद्ध के रूप में देखने को मिलता है, जहां पर शुरुआत में अमेरिका लगातार यूक्रेन का समर्थन कर रहा था, उसे रूस के खिलाफ उकसा रहा था. लेकिन जैसे ही युद्ध शुरू हुआ, अमेरिका ने वहां पर भी अपनी सेना भेजने से इनकार कर दिया और सिर्फ रूस पर प्रतिबंध लगाने वाली कार्रवाई की. इसे भी पढ़ें- मोहर्रम">https://lagatar.in/muharram-procession-will-not-take-out-on-main-road-central-peace-committee/">मोहर्रमका जुलूस मेन रोड में नहीं निकलेगा : केंद्रीय शांति समिति [wpse_comments_template]