दुष्कर्मी को मुआवजा, पीड़िता के लिए मौन,यही है हेमंत सोरेन का झारखंड मॉडलः बाबूलाल

Ranchi: नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि हेमंत सोरेन सरकार का मॉडल कुछ ऐसा है, जिसमें दुष्कर्मी को मुआवजा मिलता है और पीड़िता पर मौन रखा जाता है. बोकारो के कडरूखुट्ठा गांव में एक आदिवासी महिला तालाब में स्नान करने गई थी. वहीं गांव में काम कर रहा अब्दुल कलाम, महिला से छेड़खानी करता है और दुष्कर्म की कोशिश करता है. महिला चिल्लाती है, ग्रामीण जुटते हैं और आरोपी की जमकर पिटाई होती है. पिटाई के दौरान उसकी मौत हो जाती है. घटना दुखद है, क्योंकि कानून को हाथ में लेना सही नहीं. इसे भी पढ़ें -रांची">https://lagatar.in/ranchi-police-arrested-two-militants-including-tpc-commander-diwakar-ganjhu/">रांची

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डॉ इरफान पर कसा तंज
कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने पूरे मामले को `मॉब लिंचिंग` कहकर मुस्लिम उत्पीड़न की कहानी बना दी. हेमंत सोरेन सरकार ने तत्काल अब्दुल कलाम के परिवार को 4 लाख मुआवजा, 1 लाख सहायता राशि और स्वास्थ्य विभाग में नौकरी तक ऑफर कर दी. यह समझना बहुत अहम है कि राज्य और तथाकथित सेक्युलर ‘विचारधारा’ ने इस मामले को कैसे पलट दिया.
झारखंड सरकार पूरी तरह वोट बैंक तुष्टिकरण में लिप्त
डॉ. इरफान अंसारी जैसे नेता इस मुद्दे को साम्प्रदायिक रंग देकर आदिवासी समाज के घाव पर नमक छिड़कते हैं. जबकि झारखंड सरकार पूरी तरह वोट बैंक तुष्टिकरण में लिप्त है. बलात्कारी अगर “राजनीतिक रूप से सुरक्षित समुदाय” से हो, तो उसके घर को ही ‘पीड़ित परिवार’ घोषित कर दिया जाता है. झारखंड की सरकार ने एक आदिवासी महिला की चीखों को अनसुना कर दिया, सिर्फ इसलिए कि आरोपी की पहचान उनके `वोट बैंक` से मेल खाती थी.
बाबूलाल ने हेमंत सोरेन सरकार से किया सवाल
बाबूलाल ने हेमंत सरकार से सवाल करते हुए कहा कि क्या आदिवासी अब इस राज्य में दोयम दर्जे के नागरिक हैं? क्या आदिवासी स्त्रियों की अस्मिता अब आपकी राजनीति के लिए ‘दूसरी प्राथमिकता’ बन चुकी है? या सिर्फ इसलिए चुप हैं क्योंकि यह मामला ‘धर्मनिरपेक्ष नैरेटिव’ के खिलाफ जाता है? इसे भी पढ़ें -झारखंड">https://lagatar.in/two-ias-officers-of-jharkhand-on-foreign-tour/">झारखंड

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