New Delhi : कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट (आईएचडी) की भारत में रोजगार की स्थिति से संबंधित रिपोर्ट को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा. आरोप लगाया कि देश बेरोजगारी के टाइम बम पर बैठा है. युवा यह समझ चुके हैं कि मोदी सरकार रोजगार नहीं दे सकती. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, जयराम रमेश सहित पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस के पास रोजगार को लेकर ठोस योजना है.
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मोदी सरकार में युवा बेरोजगारी तीन गुना हो गयी है
मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया मंच एक्स’ पर पोस्ट किया, हमारे युवा मोदी सरकार की दयनीय उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे हैं, क्योंकि लगातार बढ़ती बेरोजगारी ने उनका भविष्य बर्बाद कर दिया है. उनके अनुसार आईएलओ और आईएचडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बेरोजगारी की समस्या गंभीर है. उन्होंने दावा किया, हम बेरोजगारी के टाइम बम पर बैठे हैं. लेकिन मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार यह कहकर प्रिय नेता का बचाव करते हैं कि सरकार बेरोजगारी जैसी सभी सामाजिक, आर्थिक समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती. खड़गे का कहना था कि 2012 की तुलना में मोदी सरकार में युवा बेरोजगारी तीन गुना हो गयी है, कांग्रेस युवा न्याय लेकर आयी है.
मोदी जी ने युवाओं से 12 करोड़ से ज्यादा नौकरियां छीन लीं
उन्होंने दावा किया, मोदी जी ने 10 साल में 20 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन युवाओं से 12 करोड़ से ज्यादा नौकरियां छीन लीं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, भारत के कुल कार्यबल में जितने बेरोजगार हैं, उनमें 83 प्रतिशत युवा हैं. कुल बेरोजगारों में शिक्षित युवाओं की हिस्सेदारी 2000 में 35.2 प्रतिशत थी. 2022 में यह 65.7 प्रतिशत यानी लगभग दोगुनी हो गयी है. उन्होंने कहा कि दूसरी ओर प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार कह रहे हैं कि सरकार बेरोजगारी की समस्या हल नहीं कर सकती. प्रियंका गांधी ने दावा किया, यही भाजपा सरकार की सच्चाई है. आज देश का हर युवा समझ चुका है कि भाजपा रोजगार नहीं दे सकती.
ग्रामीण युवाओं (10.6 प्रतिशत) के बीच भी बेरोजगारी दर बहुत अधिक थी
जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन और इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट द्वारा कल जारी द इंडिया एंप्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024’ पिछले 10 साल के अन्याय काल में भारत के श्रम बाजार को लेकर कुछ चिंताजनक तथ्य प्रस्तुत करती है. उन्होंने दावा किया, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल लगभग 70-80 लाख युवा श्रम बल में शामिल होते हैं, लेकिन 2012 और 2019 के बीच रोज़गार में वृद्धि लगभग न के बराबर हुई. 2022 में शहरी युवाओं (17.2 प्रतिशत) के साथ-साथ ग्रामीण युवाओं (10.6 प्रतिशत) के बीच भी बेरोजगारी दर बहुत अधिक थी. शहरी क्षेत्रों में महिला बेरोजगारी दर 21.6 प्रतिशत के साथ काफी ज्यादा थी.
मोदी सरकार ने कम वेतन वाले अनौपचारिक क्षेत्र के रोजगार का प्रतिशत बढ़ा दिया
रमेश के अनुसार, आईएलओ की इस रिपोर्ट से पता चलता है कि मोदी सरकार ने कम वेतन वाले अनौपचारिक क्षेत्र के रोजगार का प्रतिशत बढ़ा दिया है, जिनमें किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा नहीं होती है. 2019-22 तक औपचारिक रोज़गार 10.5 प्रतिशत से घटकर 9.7 प्रतिशत हो गया. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी के कुप्रबंधन के कारण कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. रमेश ने कांग्रेस के पांच युवा न्याय और 25 गारंटी’ का उल्लेख करते हुए कहा, प्रधानमंत्री चाहे जितना भी ध्यान भटकाने और मुद्दों को घुमाने की कोशिश कर लें,
बेरोजगारी 2024 के लोकसभा चुनाव का बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है
युवाओं के बीच बेरोजगारी 2024 के लोकसभा चुनाव का बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है. कांग्रेस पार्टी ने इसे लेकर एक ठोस कार्ययोजना पेश की है. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की उस कथित टिप्पणी को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला किया कि सरकार सभी सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती है. चिदंबरम ने कहा कि उनकी पार्टी के पास बेरोजगारी से निपटने के लिए एक ठोस योजना है जिसका उल्लेख घोषणापत्र में किया जायेगा. [wpse_comments_template]