NewDelhi : देश में कोरोना के कारण पिछले कुछ दिनों से हालात विस्फोटक हो गये हैं. हर दिन साढ़े तीन लाख से ज्यादा नये मामले सामने आ रहे हैं. बता दें कि स्थिति की गंभीरता को समझते हुए देश के 300 वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.
खबरों के अनुसार पत्र में पीएम मोदी से अपील की गयी है कि देश के वैज्ञानिकों को तमाम तरह का डेटा अध्ययन करने की अनुमति दी जाये, जिससे वायरस को और करीब से समझा जा सके और समय रहते कुछ जरूरी कदम उठा लिये जा सकें. अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शशिधरा और कोलकाता के NIBMG में वैज्ञानिक प्रोफेसर प्राथो मजूमदार ने इस पत्र को ड्राफ्ट किया है. शशिधरा ने कहा है कि देश में कोरोना की स्थिति बिगड़ती जा रही है और अगर समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाये गये, तो हालात बेकाबू हो जायेंगे.
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को अब हर तरह का डाटा इस्तेमाल करने की मंजूरी मिलनी चाहिए . ऐसा होते ही इस महामारी से और प्रभावी अंदाज में लड़ा जा सकेगा और कई तरह के कदम पहले से ही उठा लिये जायेंगे.
नये वैरिएंट पर अध्ययन करने की अपील
देश में वायरस के खतरनाक वैरिएंटदेखने को मिले हैं. फिर चाहे वो डबल म्यूटेंट हों या फिर बंगाल का ट्रिपल म्यूटेंट. इसे देखते हुए पत्र में चिंता जाहिर की गयी है कि देश में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान में जो सक्रिय मामले नजर आ रहे हैं, असल में उससे 20 गुना ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में कई लोग ना सिर्फ इस वायरस को फैला रहे हैं बल्कि समाज में सुपर स्प्रेडर की भूमिका निभा रहे हैं.
पत्र में कोरोना के नये वैरिएंट्स का जिक्र
ऐसे में वैज्ञानिक मानते हैं कि अगर समय रहते सटीक भविष्यवाणी कर दी जाये, तो सरकार कई जरूरी कदम उठा सकती है और लोगों की जान भी बच सकती है. पत्र में कोरोना के दिख रहे नये वैरिएंट्स का भी जिक्र किया गया है. कहा गया है कि इस पर भी अध्ययन करना बहुत जरूरी है. सरकार से मांग की गयी है कि वैज्ञानिकों को बड़े स्तर पर viral genome sequencing को अंजाम देने दिया जाये. पीएम मोदी से अपील की गयी है कि इस मुश्किल समय में उनकी सरकार की तरफ से वैज्ञानिकों को सिर्फ फंड ना मिले, बल्कि हर तरह की परमीशन और सपोर्ट भी दिया जाये.
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