की जनविरोधी नीतियों के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल सफल- भुवनेश्वर मेहता
इन जगहों पर करते थे कोविड टेस्टिंग समेत अन्य काम
रांची-हटिया रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड में तैनात 244 लोगों की बहाली रांची सदर अस्पताल में हुई थी. ये सभी कर्मी स्टेटिक बूथ पर तैनात किए गए थे. शुरुआत के महीने में वेतन मिला, लेकिन जैसे ही महामारी खत्म हुई, इन्हें काम से हटा दिया गया, वो भी बिना पैसे के भुगतान किये. सभी को 400 रुपया प्रतिदिन(12000) रुपए प्रतिमाह भुगतान की बात कहकर काम पर रखा गया था. 35 कर्मचारी वैसे हैं, जिन्हें 6 महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. जबकि 215 के करीब कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. इनके बकाये मद की राशि 95.12 लाख रुपए हैं.कार्यालय का चक्कर काटने के बाद सिर्फ मिलता है आश्वासन
कोरोना काल के दौरान काम करने वाले कर्मचारियों ने कहा कि महामारी के समय जब लोग अपने घरों में रहते थे. उस वक्त हमलोगों ने फ्रंट लाइन पर रहकर काम किया है. लोगों ने हमें कोरोना योद्धा कह कर हमारा हौसला बढ़ाया, लेकिन आज अपने हक के पैसे के लिए अधिकारियों के दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं. जैसे कि हम अधिकारियों से भीख मांग रहे हों.अब लोगों ने उधार देना भी कर दिया है बंद
वहीं प्रियंका ने कहा कि हमलोग बकाये वेतन की मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक का दरवाजा खटखटा चुके हैं. दो दिन में पैसा देने की बात कहकर हमलोग को वापस भेज दिया जाता है. आज महीनों गुजर गए, लेकिन पैसा मिला नहीं. खुशबू ने कहा कि बाहर से आकर काम करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. उनके पास खाने तक का पैसा नहीं है. उधार लेकर सभी लोग काम चला रहे हैं.पैसे का आवंटन नहीं होने से भुगतान में हो रहा विलंब
वहीं इस मामले पर सिविल सर्जन रांची डॉ विनोद कुमार ने कहा कि डीसी ऑफिस से आवंटन आएगा, तभी वेतन का भुगतान किया जाएगा. फिलहाल आवंटन नहीं है. उन्होंने कहा कि ये सभी कर्मचारी कोविड के वक्त काम पर लगाये गये थे. इनकी मांग है कि वेतन दिया जाए. इसे भी पढ़ें –इमरान">https://lagatar.in/no-confidence-motion-presented-against-imran-voting-on-31-fate-will-be-decided/">इमरानके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश, 31 को वोटिंग, तय होगी तकदीर [wpse_comments_template]