कोरोना को हल्के में लेना पड़ेगा भारीः न बसें सेनिटाइज हो रहीं, न यात्रियों की हो रही थर्मल स्कैनिंग

Ranchi एक ओर जहां दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण का दौर फिर से शुरू हो गया है. इससे बचने के विशेष उपाय किए जाने लगे हैं. वहीं दूसरी ओर झारखंड में लोग लापरवाह होते जा रहे हैं. खासकर खादगढ़ा बस स्टैंड में सतर्कता की अनदेखी हो रही है. यहां कोरोना का खौफ नजर नहीं आता. स्टैंड पर लगता ही नहीं कि झारखंड समेत देश-दुनियां में कोरोना का खतरा फिर से गहराने लगा है. कुछ यात्री तो कोरोना संक्रमण से बचने के नियम का पालन कर रहे हैं. लेकिन अधिकतर यात्री से लेकर बस कर्मी तक इस मामले में लापरवाही बरत रहे हैं. न बसें सेनिटाइज हो रहीं हैं, न यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है. यहां तक कि लोग मास्क भी नहीं लगा रहे. प्रशासन की ढिलाई के कारण लोग बेपरवाह होते जा रहे हैं. संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने निरीक्षण करना भी छोड़ दिया है. इस लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ सकता है. ब्रिटेन">https://lagatar.in/who-spoke-on-the-new-superspreader-strain-of-corona-virus-found-in-britain-do-not-panic-it-is-part-of-the-development-of-the-virus/11565/">ब्रिटेन

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थोड़ी सी चूक संक्रमण फैलने का बन सकती है बड़ा कारण

इस अंतर्राज्यीय बस स्टैंड से पटना, कोलकाता, भुवनेश्वर, कटक, बनारस, रायपुर, भिलाई, नागपुर, इलाहाबाद समेत बिहार के विभिन्न शहरों के लिए हर दिन बसों की आवाजाही होती है. मुंबई, दिल्ली, कोलकाता आदि शहरों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. जबकि इन शहरों से बड़ी संख्या में रेल यात्री रांची आवाजाही कर रहे है. इसमें रेल यात्रियों की बड़ी संख्या अपने घर जाने के लिए बस सेवाओं का सहारा ले रही है. ऐसे में थोड़ी सी चूक भी संक्रमण फैलने का बड़ा कारण बन सकती है.

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रांची स्टैंड से लोकल बसों का सफर तो और भी खतरनाक है. रांची से गुमला, सिमडेगा, बुंडू-तमाड़ आदि जगहों के लिए आवाजाही करनेवाली बसों में तो यात्रियों को खड़े होकर ही सफर करना पड़ता है. इससे भी कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा पैदा हो सकता है. प्रशासन ने बस संचालकों को जरूरी हिदायतों के साथ बसों की सभी सीटों पर यात्रियों को बैठाने की अनुमति दी है. इन हिदायतों में बस कर्मियों के लिए मास्क और हाथ में दस्ताने का इस्तेमाल करने का निर्देश है. साथ ही बसों में यात्रियों के चढ़ने से पूर्व उनके लिए सेनिटाइजर से हाथ साफ करने तथा थर्मल स्क्रीनिंग से तापमान जांच करने की हिदायत दी गई थी. लेकिन बस संचालकों ने इन हिदायतों को ताक पर रख दिया है. यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग मशीन से जांच नहीं हो रही है. कई बस के पास थर्मल स्क्रीनिंग मशीन नहीं है.

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इस मामले में बस ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण मोहन सिंह कहते हैं कि यह जागरूकता से जुड़ा विषय है. जागरूक लोग स्टैंड पर मास्क में नजर आते हैं. लेकिन कई लोग इसकी अनदेखी कर रहे हैं. कई यात्री तो अभी भी दो सीटें बुक करा कर ट्रेवल कर रहे हैं. लेकिन अधिकांश यात्री पैसे वाले नहीं हैं. कोरोना संक्रमण में एहतियात बरतने के उपायों का कड़ाई से पालन होना चाहिए.