मामले की जांच अमरनाथ अग्रे करेंगे
एनआईए ने तेलंगाना में जाकर सरेंडर करने वाले एक करोड़ इनामी सुधाकरण व उसकी पत्नी नीलिमा समेत 11 नामजद और 110 अज्ञात नक्सलियों को आरोपी बनाया है. एनआईए ने आईपीसी की धारा 120B, आर्म्स एक्ट 25(1-A) 26(2) 35, सीएलए की धारा 17 और यूएपीए की धारा 16, 20, 23 के तहत मामला दर्ज किया है. मामले की जांच एनआईए के डीएसपी रैंक के अधिकारी अमरनाथ अग्रे करेंगे.बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए सुधाकरण समेत 100 से अधिक नक्सली थे मौजूद
यह मामला साल 2017 का है. भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमिटी के सदस्य सुधाकर (सरेंडर) के भाई बी. नारायण रेड्डी और दोस्त सत्यनारायण रेड्डी को रांची पुलिस ने 30 अगस्त 2017 को 25 लाख रुपये नकद और आधा किलोग्राम सोना के साथ के पकड़ा था. इस मामले में रांची के चुटिया थाना में केस संख्या 180/2017 दर्ज हुआ था. जिसे एनआईए ने 31 अक्टूबर 2017 को टेकओवर करते हुए केस संख्या आरसी 14/2017 दर्ज किया था. इस मामले के अनुसंधान के दौरान एनआईए ने गुमला जिले के बिशनपुर के रहने वाले नक्सली प्रभु साव को गिरफ्तार किया था. प्रभु साव ने एनआईए को जानकारी दी थी, कि भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमिटी के सदस्य सुधाकरण लातेहार जिले के गारू थाना क्षेत्र स्थित रूप पंचायत के जंगल में 100 से अधिक नक्सलियों के साथ बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है. जिसके बाद एनआईए ने प्रभु साव के निशानदेही पर रुद्रा गांव के जंगल में छापेमारी कर एसएलआर के 13 राउंड गोली और नक्सली साहित्य बरामद किया था. गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए ने इस मामले को अपने टेकओवर कर मामले की जांच शुरू की है.सुधाकरण व उसकी पत्नी नीलिमा समेत 11 नक्सलियों को बनाया गया है आरोपी
एनआईए ने इस मामले में सुधाकरण व उसकी पत्नी नीलिमा समेत 11 नक्सलियों को आरोपी बनाया है, जिनमें प्रभु साव, बलराम उरांव, छोटू खेरवार, सुधाकरण, नीलिमा, प्रदीप चेरो, नीरज जी, रविंद्र गंझू, मृत्युंजय जी, विश्राम उरांव और मनोज सिंह को एनआईए ने नामजद आरोपी बनाया है. इसके अलावा एनआईए ने 110 अज्ञात नक्सलियों को आरोपी बनाया है.सुधाकरण और उसकी पत्नी ने तेलंगाना में किया सरेंडर
झारखंड के चर्चित और सबसे बड़े नक्सली भाकपा माओवादी की सेंट्रल कमेटी का सदस्य व एक करोड़ का इनामी सुधाकर रेड्डी उर्फ सुधाकरण और उसकी पत्नी 25 लाख की इनामी नीलिमा रेड्डी उर्फ माधवी के ने 12 फरवरी 2019 को तेलंगाना में जाकर सरेंडर कर दिया था. तेलंगाना में सरेंडर करने वाले नक्सलियों को जेल नहीं भेजा जाता है और सभी चार्ज हटा लिया जाता है. सुधाकरण पर जहां झारखंड में एक करोड़ का इनाम था, वहीं तेलंगाना में सिर्फ 25 लाख का इनाम घोषित था. https://lagatar.in/parliamentary-committee-were-made-important-recommendations-on-corona/54796/https://lagatar.in/supreme-court-judge-justice-mohan-m-shantanagodar-dies/54800/
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