राजधानी की शान बड़ा तालाब में हुए करोड़ों खर्च,फिर भी पानी पूरी तरह प्रदूषित

Rehan Ahmed Ranchi : राजधानी के बड़ा तालाब (रांची झील) का सरकारी स्तर पर सौंदर्यीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं. किंतु तालाब में गिरने वाले शहर के नालों के दूषित पानी को गिरने से रोका नहीं गया है. इस कारण तालाब का पानी काला व हरे रंग का नजर आता है. पूर्व में लोग इस तालाब में स्नान करते थे. लेकिन अब पानी की गंदगी की वजह से लोग स्नान नहीं करते हैं. बड़ा तालाब के बीचो-बीच लगाई गई स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा की ऊंचाई 33 फीट है. जिसे 16 फीट की गहराई से पानी के ऊपर खड़ा किया गया है. स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के निर्माण में दो करोड़ 96 लाख रूपए खर्च हुए हैं. इसे भी पढ़ें - स्पेशल">https://lagatar.in/special-branch-report-amid-ed-action-offices-of-bjp-and-central-government-may-be-attacked/">स्पेशल

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पानी को स्वच्छ कर दिया जाये तो बड़ा तालाब जीवित हो जायेगा : रवि

रवि कुमार ने कहा कि एक समय था, जब बड़ा तालाब के पानी से बड़ी आबादी उपयोग करती थी. लोग नहाने धोने का कार्य करते थे. लेकिन अब पानी काफी प्रदूषित हो गया है, इस कारण इस पानी का उपयोग करने से खुजली समेत अनेक बीमारियां हो जाती हैं. जिससे लोग इस पानी का उपयोग नहीं के बराबर करते हैं. उन्होंने कहा कि यह शहर का मुख्य तालाब है, क्योंकि इसके सौंदर्यीकरण में खर्च किया जाता है. सबसे पहले तो इस तालाब में गिरने वाले नाले को पानी को रोक कर पानी स्वच्छ किया जाता, ताकि शहर का तालाब स्वच्छता के साथ जीवित हो सके.

तालाब का पानी स्वच्छ होगा तभी तालाब की सुंदरता निखरेगी : मुकुल

मुकुल कुमार ने कहा कि रांची का बड़ा तालाब भी एक तरह से शहर की पहचान है. अब तो इस तालाब में स्वामी विवेकानंद जी की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है. इसे हर मौके पर सुंदर से सुंदर रूप दिया जाता रहा है. इसकी सुंदरता तब निखरेगी, जब इस तालाब के पानी को भी पूरी तरह से स्वच्छ करने का काम कर दिया जाये.

तालाब का कायापलट किया, पानी को भी स्वच्छ करें: राजू

मो. राजू ने कहा कि रांची का बड़ा तालाब एक तरह से शहर की शान है. यह हमारे शहर के बीचो-बीच स्थित है. तालाब में पूर्व में बीच टापू बना हुआ था. जहां बीच टापू में पेड़ लगे हुए थे. उन पेड़ों पर पक्षियां अपने घोसले बना कर रहती थीं. नये युग के तौर पर तालाब का कायापलट किया गया, टापू की जगह स्वामी विवेकानंद जी की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई. अच्छी पहल है, लेकिन तालाब के पानी को भी तो स्वच्छ करने की जरूरत है. तभी तालाब को सौंदर्यीकरण करने का मकसद सही मायने में सफल होगा. इसे भी पढ़ें - DSPMU">https://lagatar.in/dspmu-guest-teacher-accused-of-harassing-women-banned-from-taking-classes/">DSPMU

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