जिंदगी से जंग हार गई बेटी अंकिता, सियासी बयानों के बीच परिजनों को सरकार से न्याय की आस

Saurav Shukla Ranchi: पांच दिनों तक अपने शरीर पर जख्म की वेदना सहते हुए दुमका की बेटी अंकिता सिंह आखिरकार जिंदगी की जंग हार ही गयी. सियासी बयान और ट्वीटर पर सरकार की आलोचना के बीच परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है. घटना 23 अगस्त की रात की है, जब अंकिता अपने घर जरुआडीह में सो रही थी, उसी वक्त मुहल्ले के शाहरुख नाम के शख्स ने उसके कमरे की खिड़की से शरीर पर पेट्रोल डालकर आग लगा दिया. घटना के वक्त उसके पिता ड्यूटी पर थे. अंकिता के शरीर का 90 फीसदी हिस्सा जल गया था. परिजन इलाज के लिए उसे दुमका के फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज लेकर गए. जहां से बेहतर इलाज के लिए उसे रिम्स भेज दिया गया. यहां के बर्न वार्ड में उसने शनिवार देर रात अंतिम सांस ली. इसे पढ़ें- क्रिकेट:">https://lagatar.in/cricket-great-match-between-india-and-pakistan-today-the-excitement-about-the-match-is-at-its-peak/">क्रिकेट:

भारत-पाकिस्तान के बीच आज महामुकाबला, मैच को लेकर रोमांच चरम पर
[caption id="attachment_402665" align="aligncenter" width="522"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/08/2-47.jpg"

alt="" width="522" height="537" /> फोटो: संजीव सिंह, मृतक अंकिता के पिता[/caption]

पिता ने आपबीती सुनाई, कठोर कार्रवाई की मांग

वहीं, पिता संजीव सिंह ने कहा कि पड़ोसी शाहरुख हुसैन मेरी बेटी को अक्सर परेशान करता था. 10 दिन पहले आरोपी ने अपने किसी परिचित लड़की से मेरी बेटी अंकिता का मोबाइल नंबर लेकर उसे तंग करने लगा. बेटी ने बात करने से इंकार किया तो शाहरुख ने उसे 22 अगस्त को रात 8 बजे धमकी दी. उसने कहा कि तुम्हें जान से मार देंगे. इसकी जानकारी अंकिता ने मुझे भी दी थी. इसी दौरान जब बेटी घर की खिड़की को सटा कर कमरे में सो रही थी. मौके को भांप शाहरुख ने घटना को अंजाम दिया. उन्होंने सरकार से कठोरतम कार्रवाई की मांग की है.

अंकिता की मौत के बाद सामाजिक संगठनों के लोग रिम्स पहुंचे

वहीं अंकिता की मौत की सूचना मिलते ही दर्जनों की संख्या में विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे. इस दौरान सभी का आक्रोश फुट पड़ा. नंद किशोर चंदेल ने कहा कि हम अपनी बहन अंकिता के लिए यहां पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि आरोपी को भी वैसा ही दर्द का एहसास होना चाहिए जैसा दर्द अंकिता ने महसूस किया था. आरोपी को कठोर सजा देने की जरूरत है. नारी शक्ति सेना की महानगर अध्यक्ष रंजीता तिर्की ने कहा कि घटना के बाद से मन व्यथित है.अंकिता की न्याय की लड़ाई को हमलोगों ने लड़ने का काम किया था. अफसोस है कि हम सभी लोग मिलकर भी उसे बचा नहीं पाये. इसे भी पढ़ें- असम">https://lagatar.in/twitter-war-continues-between-assam-cm-and-delhi-cm-cm-himanta-takes-a-jibe-at-kejriwal-leave-the-worry-of-making-the-country-number-one/">असम

CM और दिल्ली सीएम के बीच ट्विटर वॉर जारी, हिमंत का केजरीवाल पर तंज, देश को नंबर एक बनाने की चिंता छोड़ दें, वह मोदी जी कर रहे हैं
जबकि भैरव सिंह ने कहा कि अब भी जागने का वक्त है. अंकिता की मौत से पहले मैं खुद आकर मिला था. उसने भी अपने दर्द को बयां किया. उन्होंने समुदाय विशेष पर निशाना साधते हुए कहा कि झारखंड में धर्मांतरण और लव जिहाद को बढ़ावा देने के लिए ऐसा काम किया जा रहा है. अपराधियों का मनोबल अब भी कम नहीं हो रहा है. उसके परिवार के लोगों को धमकियां दी जा रही है, कि जान से मार देंगे.

अंकिता की मौत के बाद ट्वीटर वार, सरकार की आलोचना

दीपक प्रकाश: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने ट्विट कर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि झारखंड की बेटी मुख्यमंत्री आवास से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर जिंदगी के लिए जंग लड़ रही थी और मुख्यमंत्री पिकनिक मना रहे थे. भाजपा मांग करती है कि शाहरुख को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से फांसी की सजा राज्य सरकार दिलाये. बाबूलाल मरांडी: पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्विटर पर मुख्यमंत्री के लतरातू डैम के नौका विहार की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि यह दोनों तस्वीरें एक ही दिन की हैं. एक में राजा हैं और एक में प्रजा. हो सकता है पिकनिक की व्यस्तता के चलते सत्ता के पास तुम्हारी सुधि लेने का समय नहीं था. हो सके तो हमें माफ करना बेटी, इंसाफ जरूर मिलेगा. रघुवर दास: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है. इसे तुष्टीकरण नहीं तो क्या कहें. एक और हेमंत सरकार उपद्रवी नदीम को एयर एंबुलेंस से भेज कर सरकारी इलाज पर खर्च करवा रही है. दूसरी ओर झारखंड की बेटी अंकिता को उसी के हाल पर छोड़ दिया, क्योंकि जिहादी मानसिकता वाले शाहरुख ने उसे जलाया था. जनता यह दोहरी मानसिकता देख रही है. लुईस मरांडी: पूर्व मंत्री और दुमका की विधायक रहीं लुईस मरांडी ने अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा है कि असंवेदनशीलता का पर्याय है झामुमो की झारखंड सरकार. इन्होंने बेटी का कुशलक्षेम लेना भी जरूरी नहीं समझा. अब तो जागिये. उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए लिखा है कि वाकई, हेमंत हैं तो हिम्मत है. आगे उन्होंने लिखा है कि मैं मांग करती हूं कि बेटी को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से अविलंब न्याय मिले और दोषी को फांसी दी जाये. निशिकांत दुबे: गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने मंत्री लुईस मरांडी के ट्वीट को रिट्वीट कर अपना आक्रोश जाहिर किया है. प्रतुल शाहदेव: जबकि बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि यह झारखंड की बेटी अंकिता की मौत नहीं बल्कि निष्ठुर और असंवेदनशील सिस्टम की मौत है. फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित कर आरोपी को फांसी की सजा दिलायी जाये...या फिर कहीं सैर सपाटे पर निकलना है जहांपनाह. उन्होंने बाबूलाल मरांडी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के ट्वीट को रीट्वीट भी किया है. BJP JHARKHAND: अंकिता जिंदगी की जंग हार गई, लेकिन राज्य सरकार का कोई भी मंत्री या विधायक उस बिटिया की सुधि लेने नहीं गया. क्योंकि इन माननीयों को पिकनिक मनाना जरूरी था. दीपिका पांडे सिंह: महगामा विधायक दीपिका पांडे सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि अंकिता अपनी जिंदगी से नहीं हारी हमारे समाज और सिस्टम के आगे हार गई है. एक हैवान की दरिंदगी की शिकार एक बेबस बेटी ने आखिरकार दम तोड़ दिया. नम आंखों से पुष्पांजलि. अगर सरकार दोषी को सख्त सजा ना दिला पायी तो यह बेहद शर्मनाक होगा. पूर्णिमा नीरज सिंह: झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि अंकिता के साथ हुई दरिंदगी हमारे समाज के लिए शर्मिंदगी का विषय है. अफसोस आप हमारे बीच नहीं हैं, पर आपकी लड़ाई को हम जरूर अंजाम देंगे. प्रशासन और सरकार से आग्रह है कि कार्रवाई ऐसी होनी चाहिए कि दोषी को न्यायप्रणाली के प्रति डर का पर्याप्त अनुभव हो. [wpse_comments_template]