Sanjeet Yadav
Ranchi : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदियों से बालू खनन पर रोक लगाई है. इसके बावजूद धनबाद में बालू का अवैध खनन हो रहा है. धनबाद-जामताड़ा बॉर्डर के कई घाटों पर नदियों से नाव के जरिये बालू निकालकर उसको स्टॉक किया जा रहा है. फिर इसे ट्रैक्टर और हाईवा से झारखंड के साथ-साथ बिहार और पश्चिम बंगाल तक ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है.
इन घाटों पर सक्रिय है अवैध खनन माफिया
जानकारी के अनुसार, धनबाद के टुंडी ,सर्रा, मधुरसा, बेजड़ाबाद, पांडेयडीह व जाताखूंटी और पूर्वी टुंडी के बेजड़ा, घुरनीबेड़ा, कांसजोर सहित अन्य घाट अवैध खनन के बड़े अड्डे बन गए हैं. इन घाटों से दिन में इक्का-दुक्का ट्रैक्टर, तो रात में दर्जनों ट्रैक्टर, हाईवा और ट्रकों से बालू की ढुलाई हो रही है. टुंडी और पूर्वी टुंडी में प्रति ट्रक, ट्रैक्टर व हाईवा बालू का रेट तय है, जिसके आधार पर अवैध वसूली भी की जाती है.
प्रतिदिन 20 लाख रुपये का होता है कारोबार
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, धनबाद में हर दिन लगभग 200 ट्रक बालू की तस्करी हो रही है. यह कारोबार प्रतिदिन 20 लाख रुपये से अधिक का है. सूत्रों की मानें तो पुलिस और प्रशासन को अवैध खनन के बारे में पता है, इसके बावजूद वह मूकदर्शक बने रहते हैं. जिन जगहों पर बालू का अवैध खनन हो रहा है, वहां पुलिस भी दिन में एक बार देखने जाती है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करती हैं.
NGT और प्रशासन की सख्ती कागजों तक सीमित
गौरतलब है कि एनजीटी ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदियों से बालू के उत्खनन पर रोक लगा रखी है. वहीं, हाल ही में जिला प्रशासन ने दावा किया था कि यदि अवैध खनन हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. लेकिन ये दावे सिर्फ टीवी, पेपर और कागजों में ही सिमट कर रह जाती हैं...