धनबाद : देश की सुरक्षा को सशक्त बनाने में IIT-ISM देगा तकनीकी सहयोग
संस्थान ने भारतीय सेना के साथ किया रणनीतिक एमओयू Dhanbad : आईआईटी-आईएसएम देश की सुरक्षा को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने में भारतीय सेना को सहयोग देगा. इसके लिए आईआईटी-आईएसएम व भारतीय सेना के बीच ऐतिहासिक एमओयू हुआ है. यह रणनीतिक समझौता देश की सुरक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने और आईटी समाधान विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा. सोमवार को हुए एमओयू के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, बिग डेटा, साइबर सुरक्षा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे उभरते क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान किया जाएगा. आईआईटी-आईएसएम सेना के अधिकारियों के लिए विशेष प्रमाणन पाठ्यक्रम भी तैयार करेगा, जो ऑनलाइन, ऑफलाइन या हाइब्रिड मोड में संचालित होंगे. संस्थान के छात्रों को भी रक्षा क्षेत्र से जुड़े शोध और इंटर्नशिप के अवसर मिलेंगे. इससे उन्हें वास्तविक चुनौतियों को समझने और समाधान विकसित करने का अनुभव मिलेगा. दोनों संस्थान अपने-अपने प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और अन्य तकनीकी संसाधन भी साझा करेंगे. आईआईटी-आईएसएम उच्च स्तरीय तकनीकी मार्गदर्शन और प्रशिक्षित छात्र शक्ति उपलब्ध करायेगा, जबकि सेना परियोजनाओं के विकास में मार्गदर्शन और फीडबैक देगी. आईआईटी-आईएसएम सभागार में एमओयू के लिए आयोजित वर्चुअल समारोह में निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा, अनुसंधान व विकास के एसोसिएट डीन प्रो. एसआर समद्दर, कंप्यूटर विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. चिरंजीव कुमार व प्रो. धरावत रमेश उपस्थित रहे. वहीं, भारतीय सेना की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल राजीव कुमार सहनी, ब्रिगेडियर मनीष जोशी, ब्रिगेडियर एनपी सिंह सहित अन्य अधिकारी ऑनलाइन जुड़े थे. इस मौके पर निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि यह एमओयू राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों को शैक्षणिक नवाचारों से हल करने की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल है.