Dhanbad: धनबाद जिले के बलियापुर प्रखंड के कोराहिर गांव में आयोजित 25 दिवसीय डिजाइन विकास कार्यशाला का शनिवार को समापन हुआ. यह आयोजन केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) देवघर कार्यालय की ओर से किया गया था. प्रशिक्षण का उद्देश्य टेराकोटा शिल्प को आधुनिक डिजाइन व बाज़ार की मांग के अनुरूप नया स्वरूप देना था, जिससे स्थानीय कारीगरों को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके. कार्यशाला में टेराकोटा शिल्प से जुड़े 30 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. डिजाइनर देवानंद राणा ने उन्हें शिक्षण दिया.
कार्यशाला में प्रतिभागियों ने कई नवाचारी डिजाइनों व उत्पादों का निर्माण किया, जो न केवल शिल्प कौशल को दर्शाते हैं, बल्कि वर्तमान बाजार की मांग के अनुरूप भी हैं. हस्तशिल्प प्रशिक्षण अधिकारी विकास कुमार ने समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिया और उनके कार्यों की सराहना की. कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं न केवल हमारी पारंपरिक कला को जीवित रखती हैं, बल्कि कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाती हैं. यह पहल ‘वोकल फॉर लोकल’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है. विवेक कुमार ने कारीगरों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी और उनसे इनका लाभ उठाने का आग्रह किया. समापन के अवसर पर मास्टर ट्रेनर अनंतराम सहित सभी प्रतिभागी हस्तशिल्पी, प्रशिक्षक व स्थानीय लोग उपस्थित रहे.